मांड्या (कर्नाटक), दो अक्टूबर (भाषा) कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को राज्य सरकार को सुझाव दिया कि कावेरी जल विवाद का स्थायी समाधान खोजने के लिए कानून के विशेषज्ञों, कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों से रायशुमारी करें तथा ऐसा फॉर्मूला तैयार करें जो सबको स्वीकार्य हो।
उन्होंने कहा कि इसी फॉर्मूले को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) और उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता बोम्मई ने तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का जल छोड़ने के खिलाफ यहां रायथा हितारक्षण समिति (किसान संगठन) के आंदोलन के दौरान अपने संबोधन में यह बात कही।
बोम्मई ने कहा, ‘‘कावेरी मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए राज्य सरकार को कानून के विशेषज्ञों के साथ बैठना चाहिए और फैसला करना चाहिए कि आपदा की स्थिति में क्या फॉर्मूला हो। उन्हें विपक्षी दलों तथा कार्यकर्ताओं की राय लेनी चाहिए और फॉर्मूला तैयार करना चाहिए। यह सर्व-सम्मति से तैयार किया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि सरकार को मेकेदातू जलाशय परियोजना के क्रियान्वयन के बारे में उच्चतम न्यायालय में जोरदार तरीके से दलील देनी चाहिए।
बोम्मई ने कहा, ‘‘अगर यह तत्काल नहीं भी होता तो इससे अगली पीढ़ी को फायदा होगा।’’
उन्होंने राज्य सरकार पर शुरुआत से ही कावेरी के मुद्दे पर कमजोर रुख रखने का आरोप लगाया।
भाषा वैभव अविनाश
अविनाश
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