सीबीआई ने डीएचएफएल के पूर्व सीएमडी कपिल वधावन, 74 अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया

सीबीआई ने डीएचएफएल के पूर्व सीएमडी कपिल वधावन, 74 अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया

सीबीआई ने डीएचएफएल के पूर्व सीएमडी कपिल वधावन, 74 अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया
Modified Date: November 29, 2022 / 07:52 pm IST
Published Date: October 15, 2022 10:30 pm IST

नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 34,615 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के पूर्व सीएमडी कपिल वधावन और 74 अन्य के खिलाफ शनिवार को आरोप पत्र दाखिल किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की विशेष अदालत में दाखिल अपने आरोप पत्र में एजेंसी ने तत्कालीन निदेशक धीरज वधावन और पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हर्षिल मेहता को भी इस घोटाले में आरोपी बनाया है।

उन्होंने कहा कि एजेंसी ने डीएचएफएल बैंक धोखाधड़ी मामले में 17 बैंकों के एक समूह से 34,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में जून में मामला दर्ज किया था, जिससे यह देश का सबसे बड़ा बैंकिंग ऋण धोखाधड़ी मामला बन गया।

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अधिकारियों ने कहा कि आरोप पत्र में एजेंसी ने 18 व्यक्तियों और 57 कंपनियों को नामित किया है जिनके माध्यम से धन का लेन-देन किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि आरोप पत्र में एक अधिवक्ता अजय वजीरानी, व्यवसायी अजय नवंदर, कई चार्टर्ड अकाउंटेंट, डीएचएफएल के पूर्व अधिकारियों और अन्य संबंधित कंपनियों को नामजद किया गया है।

सीबीआई ने 17 बैंकों के समूह का नेतृत्व करने वाले यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर वधावन और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिन्होंने 2010 और 2018 के बीच डीएचएफएल को 42,871 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं दी थीं।

एजेंसी ने अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया है कि कपिल और धीरज वधावन ने दूसरों के साथ आपराधिक साजिश में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया, तथ्यों को छुपाया, आपराधिक विश्वासघात किया और सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करके बैंकों के समूह को मई 2019 के बाद से ऋण भुगतान में चूक कर 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने सार्वजनिक धन का उपयोग करके ‘‘कपिल और धीरज वधावन के लिए संपत्ति बनाने’’ के संबंध में वित्तीय अनियमितताएं की, धन का गलत इस्तेमाल किया। दोनों अपने खिलाफ धोखाधड़ी के पहले के मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं।

भाषा आशीष माधव

माधव


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