कोच्चि, 24 नवंबर (भाषा) केरल सरकार ने बुधवार को उच्च न्यायालय को बताया कि केंद्र को यह स्पष्ट करना होगा कि क्या केरल के ऐसे परिवार 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि के पात्र हैं, जिनके सदस्यों की विदेश में कोविड-19 के कारण मृत्यु हो गई।
एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत में यह दलील दी। याचिका में यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि केरल के ऐसे परिवार के सदस्य, जिनकी कोविड-19 के कारण विदेश में मृत्यु हो गई, उन्हें मुआवजे का हकदार माना जाए। एनजीओ के अध्यक्ष अधिवक्ता जोस अब्राहम ने यह जानकारी दी।
अब्राहम ने कहा कि राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि केंद्र को स्पष्टीकरण के लिए एक पत्र भेजा गया है और उसके जवाब का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद अदालत ने कहा कि अगर केंद्र के जवाब की जरूरत है तो उसे मामले में एक पक्ष बनाया जा सकता है। अदालत ने केंद्र सरकार से जवाब मिलने पर राज्य को एक हलफनामा भी दाखिल करने का निर्देश दिया।
अब्राहम ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार को एक पक्ष बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। एनजीओ ‘प्रवासी लीगल सेल’ ने दलील दी है कि कोविड-19 के कारण विदेश में जान गंवाने वाले केरलवासियों के परिवार के सदस्यों द्वारा अनुग्रह राशि के लिए आवेदन राज्य सरकार ने ‘‘मनमाने ढंग से’’ अस्वीकार किए हैं।
अधिवक्ता ई आदित्यन के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया है कि राज्य सरकार द्वारा इस तरह के आवेदनों को अस्वीकार करने का कारण यह है कि यह योजना केवल भारत में कोविड-19 मौतों के लिए लागू है। याचिका में कहा गया है, ‘‘विदेश में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवार के सदस्यों के खिलाफ कोई भी भेदभाव उनके मौलिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।’’
भाषा आशीष मनीषा अनूप
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