साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र में चीन की तकनीकी प्रगति सर्वाधिक चिंताजनक है : जनरल बिपिन रावत

साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र में चीन की तकनीकी प्रगति सर्वाधिक चिंताजनक है : जनरल बिपिन रावत

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  • Publish Date - October 22, 2021 / 10:18 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:20 PM IST

बेंगलुरु, 22 अक्टूबर (भाषा) प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि भारत कई बाहरी सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है और सबसे ज्यादा चिंताजनक साइबर तथा अंतरिक्ष क्षेत्र में चीन की तकनीकी प्रगति है।

वह भारतीय वायुसेना के तीन दिवसीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, जिसका उद्घाटन 1971 के भारत-पाक युद्ध में जीत के 50 साल पूरे होने पर मनाए जा रहे ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ के उपलक्ष्य में यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने येलहंका वायुसेना स्टेशन में किया था।

रावत ने कहा, ‘भारत को कई बाहरी सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें गहरे क्षेत्रीय अंतर्संबंध, अनसुलझे सीमा विवादों की विरासत, प्रतिस्पर्धा की संस्कृति और भारत के रणनीतिक स्थान को कमतर करने संबंधी चुनौती शामिल है।’

उन्होंने कहा कि भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भू-रणनीतिक प्रतिस्पर्धा भी देख रहा है, जिसमें हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक ठिकानों की दौड़ और उत्तरी शत्रु चीन द्वारा क्षेत्र में ‘बेल्ट एंड रोड’ चौकियों का सैन्यीकरण बढ़ाना शामिल है।

रावत ने कहा, ‘साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र में चीन की तकनीकी प्रगति सबसे ज्यादा चिंताजनक है।’ उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर हुईं आक्रामक मुद्रा की हालिया घटनाएं चीन की विस्तारवादी विदेश नीति का केंद्र बनी रहेंगी, जिसके बारे में भारत को हमेशा सावधान रहना होगा।

पाकिस्तान के मुद्दे पर सीडीएस ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद को लगातार प्रायोजित करना, सोशल मीडिया पर भारत विरोधी बयानबाजी और भारत के भीतर सामाजिक वैमनस्य पैदा करने के प्रयास, भारत और उस देश के बीच विश्वास की खाई को ‘न भरने वाले’ प्रतीत होते हैं।

इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी, रक्षा सचिव अजय कुमार और कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

इस बात की ओर इशारा करते हुए कि 1971 के बाद से दुनिया में चीजें कैसे बदली हैं, अजय कुमार ने आज के सुरक्षा परिदृश्य का सामना करने के लिए ‘कई गुना अधिक’ तैयार होने की आवश्यकता पर बल दिया।

भाषा नेत्रपाल दिलीप

दिलीप