चिंतन शिविर: कांग्रेस संगठन में ‘समय के साथ बदलाव’ करने और ‘ध्रुवीकरण’ की काट ढूंढने पर होगा मंथन

चिंतन शिविर: कांग्रेस संगठन में ‘समय के साथ बदलाव’ करने और 'ध्रुवीकरण' की काट ढूंढने पर होगा मंथन

चिंतन शिविर: कांग्रेस संगठन में ‘समय के साथ बदलाव’ करने और ‘ध्रुवीकरण’ की काट ढूंढने पर होगा मंथन
Modified Date: November 29, 2022 / 07:48 pm IST
Published Date: May 12, 2022 12:39 pm IST

उदयपुर (राजस्थान), 12 मई (भाषा) कई राज्यों में चुनावी पराजय के चलते ‘‘अप्रत्याशित संकट’’ का सामना कर रही कांग्रेस के शीर्ष नेताओं समेत 400 से अधिक पदाधिकारी पार्टी में नई जान फूंकने के लिए शुक्रवार से उदयपुर में तीन दिनों तक मंथन करेंगे।

इस दौरान पार्टी में ‘‘समयबद्ध एवं जरूरी बदलाव’’ करने, ‘‘ध्रुवीकरण की राजनीति’’ समेत विभिन्न मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कारगर ढंग से मुकाबला करने और अगले लोकसभा चुनाव के लिए खुद को तैयार करने पर मुख्य रूप से जोर दिया जाएगा।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि उदयपुर में 13-15 मई को होने जा रहे इस चिंतन शिविर के बाद जो ‘नवसंकल्प’ दस्तावेज जारी होगा, वह आगे के कदमों की घोषणा (एक्शनेबल डिक्लियरेशन) होगा। इसमें यह संदेश भी दिया जाएगा कि राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन के लिए ‘‘मजबूत कांग्रेस’’ का होना जरूरी है। सूत्रों ने कहा कि इस शिविर में कांग्रेस अध्यक्ष के स्तर पर बदलाव को लेकर शायद चर्चा नहीं हो, क्योंकि इसके चुनाव की घोषणा पहले ही हो चुकी है।

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इस चिंतन शिविर में राजनीति, सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण, अर्थव्यवस्था, संगठन, किसान एवं कृषि तथा युवाओं से जुड़े विषयों पर छह अलग-अलग समूहों में 430 नेता चर्चा करेंगे, यानी हर समूह में करीब 70 नेता शामिल होंगे।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘आज, जब देश प्रजातांत्रिक, आर्थिक और सामाजिक ‘संक्रमणकाल’ के दौर से गुजर रहा है, तब कांग्रेस एक बार फ़िर देश को प्रगति, समृद्धि और उन्नति के पथ पर लाने के लिए एक ‘नव संकल्प’ की दृढ़ प्रतिज्ञा ले रही है।’

उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी, डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट, अर्थव्यवस्था की स्थिति, देश के समक्ष खड़ी सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि इन समस्याओं पर पर्दा डालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है।

सुरजेवाला ने कहा, ‘सरकार ने चौतरफ़ा धर्मांधता-रूढ़िवादिता का अंधकार फैलाकर अल्पसंख्यक वर्गों, ख़ास तौर से मुस्लिम, ईसाइयों एवं सिखों को निशाना बना रखा है। रोज़ नया ‘हिंदू-मुस्लिम’ (विभाजन) पैदा कर देश की आंखों पर पट्टी बांधी जा रही है। समाज में हिंदू-मुस्लिम विभाजन के बीज बोकर एवं तुष्टिकरण की इस राजनीति को आधार बनाकर भाजपा चुनावी जीत तलाशती है।’

उन्होंने कहा कि इस चिंतन शिविर से जो निष्कर्ष निकलेगा, वह कांग्रेस को न सिर्फ़ वर्तमान चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से उबार एक नई दिशा देगा, अपितु भारत के गौरवशाली भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त करेगा ।

चिंतन शिविर की शुरुआत 13 मई को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संबोधन के साथ होगी। इसके बाद छह अलग-अलग समूहों में नेतागण चर्चा करेंगे और फिर इससे निकले निष्कर्ष को ‘नवसंकल्प’ के रूप में कांग्रेस कार्य समिति 15 मई को मंजूरी देगी। राहुल गांधी 15 मई को शिविर को संबोधित करेंगे।

भाषा हक मनीषा सिम्मी

सिम्मी


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