अमृतसर रेल हादसा, जांच रिपोर्ट में सिद्धू दंपति को क्लीन चिट, आयोजकों के साथ रेलवे और पुलिस दोषी

अमृतसर रेल हादसा, जांच रिपोर्ट में सिद्धू दंपति को क्लीन चिट, आयोजकों के साथ रेलवे और पुलिस दोषी

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  • Publish Date - December 6, 2018 / 09:46 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:46 PM IST

अमृतसर। पंजाब के अमृतसर रेल हादसे की जांच रिपोर्ट राज्य के गृह विभाग को सौंप दी गई है। इस रिपोर्ट पर क्या एक्शन लेना है, यह मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह तय करेंगे। रिपोर्ट में सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी को इस हादसे में क्लीन चिट दी गई है। मजिस्ट्रेट इन्क्वॉयरी ने इन दोनों को क्लीन चिट दी है। बता दें कि दशहरे के दिन 19 अक्टूबर को अमृतसर में हुए रेल हादसे में 61 लोगों की मौत हो गई थी। ये लोग रावण दहन देखने इकट्ठा हुए थे। रेलवे क्रॉसिंग के पास रावण दहन का आयोजन किया गया था, जहां नवजोत कौर भाषण दे रही थीं।

जालंधर के डिविजनल कमिश्नर बी पुरुषार्थ ने ये जांच पूरी करके 300 पन्नों की अपनी रिपोर्ट पंजाब सरकार को सौंपी थी। सिद्धू के बारे में इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वे घटना के दिन अमृतसर में मौजूद ही नहीं थे। वहीं, नवजोत कौर सिद्धू के बारे में लिखा गया है कि वो इस कार्यक्रम की चीफ गेस्ट. लेकिन चीफ गेस्ट किसी भी वेन्यू पर जा कर ये चेक नहीं करता कि वहां किस तरह के इंतजाम हैं। ये आयोजकों को ही सुनिश्चित करना होता है।

रिपोर्ट में सिद्धू के करीबी और कांग्रेस पार्षद के बेटे सौरभ मिट्ठू मदान की गलती बताई गई है। कहा गया है कि उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए न तो सही तरीके से तमाम विभागों से अनुमति ली और न ही लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए। रिपोर्ट में लिखा गया है कि आयोजकों ने जान-बूझकर कार्यक्रम काफी देर से शुरू किया और सिद्धू दंपति के नाम का फायदा उठाया। रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन की भी गलती बताई गई है कि अनुमति देने से पहले सही इंतजाम हैं या नहीं, इस की जांच नहीं की। साथ ही यह भी कहा गया है कि जब कार्यक्रम चल रहा था, तब भी किसी पुलिस या नगर निगम कर्मचारी ने रेलवे ट्रैक पर खड़े लोगों को लेकर आपत्ति नहीं जताई।

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साथ ही इस रिपोर्ट में रेलवे ट्रैक के गेटमैन की भी गलती बताई गई है कि उसने भीड़ होने के बावजूद ट्रेन को धीमी गति से निकालने के लिए या रोकने के लिए सिग्नल नहीं दिया। इस रिपोर्ट में भविष्य में ऐसी घटना न हो इसको लेकर कई तरह की गाइडलाइन बनाने का सुझाव भी दिया गया है।