वैष्णो देवी रोपवे परियोजना को लेकर आशंकाओं को दूर करने के लिए समिति गठित: उपराज्यपाल सिन्हा

वैष्णो देवी रोपवे परियोजना को लेकर आशंकाओं को दूर करने के लिए समिति गठित: उपराज्यपाल सिन्हा

वैष्णो देवी रोपवे परियोजना को लेकर आशंकाओं को दूर करने के लिए समिति गठित: उपराज्यपाल सिन्हा

Dharmasabha in Chhattisgarh

Modified Date: March 18, 2023 / 11:05 pm IST
Published Date: March 18, 2023 11:05 pm IST

जम्मू, 18 मार्च (भाषा) जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि वैष्णो देवी मंदिर में प्रस्तावित रोपवे परियोजना को लेकर कटरा के निवासियों की आशंकाओं को दूर करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

सिन्हा गर्भगृह के पास नवनिर्मित दुर्गा भवन का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। दुर्गा भवन में प्रतिदिन 3,000 श्रद्धालु ठहर सकते हैं। उपराज्यपाल श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) के अध्यक्ष भी हैं।

प्रस्तावित रोपवे परियोजना को लेकर कटरा के निवासियों के बीच नाराजगी के बारे में पूछे गये एक सवाल पर सिन्हा ने कहा कि उनका प्रशासन सुझावों का स्वागत करता है।

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उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘कटरा के निवासियों में (रोपवे के निर्माण के बाद आजीविका के अवसरों के नुकसान को लेकर) आशंकाएं हैं। हम उन आशंकाओं को दूर करना चाहते हैं और चाहते हैं कि वे इससे जुड़े रहें।’’

तीर्थयात्रियों के लिए आधार शिविर कटरा शहर में प्रस्तावित रोपवे के निर्माण के खिलाफ 28 फरवरी को बड़े पैमाने पर विरोध देखा गया था। सिन्हा ने घोषणा की कि परियोजना निविदा के अंतिम चरण में है और स्थानीय व्यवसायियों के हित सुरक्षित रखने के लिए अत्यंत संवेदनशीलता के साथ शुरू की जाएगी।

उन्होंने कहा कि देश भर से दिव्यांग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोग मंदिर आना चाहते हैं, लेकिन वे माता वैष्णों देवी की पूजा करने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि यह सुविधा ऐसे भक्तों के लिए है।

सिन्हा ने कहा, ‘‘श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई नयी पहल शुरू की हैं। आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया जा रहा है और प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि तीर्थयात्रियों को अच्छी सुविधा मिले।’

उन्होंने कहा कि यह श्राइन बोर्ड की जिम्मेदारी है कि वह पारंपरिक मूल्यों को समृद्ध करे तथा देश और विदेश से आने वाले भक्तों की आध्यात्मिक यात्रा को सुविधाजनक बनाए, खासकर जो बुजुर्ग, बीमार और दिव्यांग हैं।

भाषा सुरेश आशीष

आशीष


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