‘लेटर बम’ के बाद कांग्रेस में उथल-पुथल, कई वरिष्ठ नेता को गंवा बैठे अपना पद

'लेटर बम' के बाद कांग्रेस में उथल-पुथल, कई वरिष्ठ नेता को गंवा बैठे अपना पद

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  • Publish Date - September 11, 2020 / 06:27 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:38 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी में बीते दिनों हुए लेटर ब्लास्ट का असर अब दिखने लगा है। पार्टी ने शुक्रवार को संगठन में फेरबदल करते हुए कई नेतओं के पद छीन लिए हैं। इनमें गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा सहित कई वरिष्ठ नेताओं का नाम शामिल है। हालांकि पार्टी के कई नेताओं को इस बात का अंदाजा पहले ही लग चुका था कि लेटर बम फोड़ने वाले 3 वरिष्ठ नेताओं की मुसीबत बढ़ने वाली है।

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पार्टी ने पत्र विवाद की पृष्भूमि में 24 अगस्त को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में बनी सहमति के मुताबिक छह सदस्यीय एक विशेष समिति का गठन किया है। यह समिति पार्टी के संगठन एवं कामकाज से जुड़े मामलों में सोनिया गांधी का सहयोग करेगी। इस विशेष समिति में एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल हैं।

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रणदीप सुरजेवाला और तारिक अनवर को पार्टी ने महासचिव नियुक्त किया है। सोनिया गांधी ने पार्टी मामलों में अपनी मदद के लिए विशेष समिति गठित की जिसमें ए के एंटनी, अहमद पटेल और अंबिका सोनी शामिल हैं। वहीं, राज्य के प्रभारियों की बात करें तो मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश, हरीश रावत को पंजाब, ओमान चंडी को आंध्र प्रदेश, तारिक अनवर को केरल और लक्षद्वीप, प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश, रणदीप सिंह सुरजेवाला को कर्नाटक, जितेंद्र सिंह को असम, अजय माकन को राजस्थान और केसी वेणुगोपाल को संगठन की जिम्मेदारी दी गई है।

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