ठेकेदार मौत प्रकरण: मुख्यमंत्री का जांच में हस्तक्षेप से इनकार |

ठेकेदार मौत प्रकरण: मुख्यमंत्री का जांच में हस्तक्षेप से इनकार

ठेकेदार मौत प्रकरण: मुख्यमंत्री का जांच में हस्तक्षेप से इनकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : April 16, 2022/10:55 pm IST

बेंगलुरु, 16 अप्रैल (भाषा) विपक्षी कांग्रेस पर ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के मामले में ‘जांच अधिकारी, अभियोजक और न्यायाधीश’ बनने की इच्छा रखने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अन्वेषण में उनकी सरकार द्वारा हस्तक्षेप के आरोपों को भी खारिज कर दिया।

इस मुद्दे पर राजनीतिक हंगामे के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता के. एस. ईश्वरप्पा ने शुक्रवार रात ग्रामीण विकास और पंचायत राज (आरडीपीआर) मंत्री के पद से अपना इस्तीफा दे दिया था। मंत्री के खिलाफ पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।

बोम्मई ने ईश्वरप्पा का त्यागपत्र राज्यपाल थावरचंद गहलोत के पास भेज दिया, जिन्होंने इसे स्वीकार कर लिया।

ईश्वरप्पा ने शनिवार को कहा कि वह निजी कारणों के चलते होसपेट में पार्टी की दो दिवसीय राज्य कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह 19 अप्रैल को बेल्लारी में पार्टी के एक कार्यक्रम में भाग लेंगे।

बोम्मई ने ईश्वरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत मामला नहीं दर्ज करने को लेकर कांग्रेस के सवाल पर कहा, ‘‘संतोष पाटिल की आत्महत्या मामले की जांच की जा रही है, पोस्टमॉर्टम किया गया है, एफएसएल (फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला) की रिपोर्ट आएगी। इसके आधार पर जो हुआ है वह वैज्ञानिक रूप से पता चल जाएगा।’’

मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा कि उन्हें याद है कि के जे जॉर्ज (पूर्व मंत्री) मामले में सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के समय पुलिस ने जॉर्ज के खिलाफ वीडियो आरोप और ‘मृत्यु से पहले का पत्र’ मिलने के बावजूद प्राथमिकी में उनका नाम नहीं शामिल किया था और मामले को बंद करने का प्रयास किया गया था।

उन्होंने कहा कि जब मृतक पुलिस अधिकारी एम के गणपति के परिवार ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, तब अदालत को एक आदेश जारी करना पड़ा था।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, हमने शिकायत के अनुसार (संतोष पाटिल मामले में) प्राथमिकी दर्ज की है और जांच जारी है… जांच की प्रगति के आधार पर और धाराएं जोड़ी जा सकती हैं, जांच होने दें।’’

मंगलुरु के पुलिस उपाधीक्षक एम के गणपति ने सात जुलाई, 2016 को कोडागु के एक लॉज में कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी। आत्महत्या से पहले एक वीडियो संदेश में उन्होंने तत्कालीन गृह मंत्री के जे जॉर्ज और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के दो शीर्ष अधिकारियों को (अपनी) यह कदम उठाने के लिए जिम्मेदार ठहराया था।

बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस ठेकेदार की आत्महत्या के मामले में ‘जांचकर्ता, अभियोजक और न्यायाधीश’ बनना चाहती है लेकिन ऐसा नहीं हो सकता। बोम्मई ने कहा कि लोग जानते हैं कि कैसे उसने सत्ता में रहते हुए कई मामलों को बंद कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘कब, किस धारा को लगाया जाना है, किस प्रावधान के तहत, ये सारी बातें कानून के अनुसार होंगी। सरकार ने किसी भी तरह से हस्तक्षेप नहीं किया है। सिर्फ इसलिए कि जॉर्ज मामले के दौरान जो उसने (कांग्रेस) किया, मैंने उसे उजागर किया, इसलिए वह मुझ पर प्रमाण पत्र (ईश्वरप्पा की बेगुनाही का) देने का आरोप लगा रही है, क्या मैंने प्रमाण पत्र दिया है?’’

उन्होंने कहा कि कानून का शासन है और उसके अनुसार जांच होगी। उन्होंने कहा कि आरोप पत्र दाखिल किए जाने पर जांच की सत्यता का विश्लेषण अदालत में किया जाएगा।

कर्नाटक सरकार और बोम्मई पर ईश्वरप्पा को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को उनकी गिरफ्तारी और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज करने की मांग की थी।

विपक्षी दल ने यह भी आग्रह किया था कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश की निगरानी में पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच की जाए।

यह पूछे जाने पर कि क्या संतोष पाटिल आत्महत्या मामले की आगे की जांच का जिम्मा सीआईडी ​​या अन्य एजेंसी को सौंपा जाएगा, उन्होंने कहा, ‘‘पहले प्रारंभिक जांच होने दें, जरूरत के आधार पर, हम फैसला करेंगे।’’

इस बीच , ईश्वरप्पा ने कहा, ”मेरे घर में पोते की शादी से संबंधित कई कार्यक्रम चल रहे हैं, इसलिए मैं (राज्य कार्यकारिणी की बैठक में) नहीं जा रहा हूं। मैंने इस बारे में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटील और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को जानकारी दे दी है।”

भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक विजनगर जिले के होसपेट में आज और कल हो रही है। उसमें रविवार को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के शामिल होने का कार्यक्रम है।

ईश्वरप्पा ने कहा, ”मैंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि जांच जल्द पूरी हो और साजिश में शामिल व्यक्तियों और पक्षों के बारे में तथ्यों के साथ रिपोर्ट सामने आए, और दोषियों को दंडित किया जाए।”

उन्होंने कहा कि वह मृतक ठेकेदार के प्रति सहानुभूति रखते हैं और उन्हें लगता है कि साजिशकर्ताओं ने उसका गलत इस्तेमाल किया।

बेलगावी के ठेकेदार संतोष पाटिल मंगलवार को उडुपी के एक होटल में मृत पाए गए थे, उन्होंने ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। व्हाट्सऐप संदेश के रूप में एक कथित सुसाइड नोट में, पाटिल ने अपनी मौत के लिए ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराया था।

पाटिल ने पिछले महीने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह और भाजपा के केंद्रीय नेताओं से शिकायत की थी कि उन्हें हिंडालगा गांव में किए गए सड़क निर्माण कार्यों के लिए अब तक चार करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया है। साथ ही, उन्होंने ईश्वरप्पा के सहयोगियों पर भुगतान जारी करने के लिए 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाया था।

भाषा राजकुमार दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)