अदालत ने ‘स्टिंग वीडियो’ पर संदेशखालि के भाजपा नेता की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक स्थगित की

अदालत ने 'स्टिंग वीडियो' पर संदेशखालि के भाजपा नेता की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक स्थगित की

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  • Publish Date - May 14, 2024 / 07:44 PM IST,
    Updated On - May 14, 2024 / 07:44 PM IST

कोलकाता, 14 मई (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को संदेशखालि के भाजपा नेता गंगाधर कोयल की उस याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी जिसमें यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में एक कथित स्टिंग वीडियो की जांच सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया गया है।

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने मामले की सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया।

उन्होंने न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता के समक्ष कहा कि संदेशखालि में यौन उत्पीड़न और जमीन कब्जाने के आरोपों की सीबीआई जांच के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर उच्चतम न्यायालय में एक महिला ने पक्ष बनने के लिए आवेदन दायर किया है।

दत्ता ने कहा कि इसलिए इस मामले में संक्षिप्त स्थगन दिया जाए।

न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने आग्रह को स्वीकार करते हुए निर्देश दिया कि संदेशखालि में यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित कथित स्टिंग वीडियो की जांच स्थानांतरित करने की मांग वाली कोयल की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी।

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने हाल ही में कोयल के एक कथित ‘स्टिंग ऑपरेशन’ का वीडियो साझा किया था।

वीडियो में कोयल जैसा दिखने वाला एक व्यक्ति यह दावा करते हुए दिखता है कि संदेशखालि में यौन शोषण के आरोप योजनाबद्ध तरीके से गढ़े गए थे।

पीटीआई-भाषा वीडियो की पुष्टि नहीं करती है।

भाजपा नेता ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उन्हें बदनाम करने के लिए प्रौद्योगिकी की मदद से उनकी आवाज की नकल करने वाले वीडियो प्रसारित किए जा रहे हैं।

यह दावा करते हुए कि इस तरह के कथित वीडियो संदेशखालि में तनाव पैदा कर रहे हैं जिससे उनकी सुरक्षा को खतरा है, कोयल ने अदालत से आग्रह किया कि उन्हें केंद्रीय बल की सुरक्षा उपलब्ध कराने का आदेश दिया जाए।

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि वह अपनी नकली आवाज के कथित इस्तेमाल को लेकर पहले ही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों से मिल चुके हैं।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व के आदेश पर सीबीआई उत्तर 24 परगना के संदेशखालि में कथित यौन शोषण और जमीन हड़पने के मामलों की जांच कर रही है।

पश्चिम बंगाल सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की है।

शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर रखी है। इसने स्पष्ट किया था कि याचिका लंबित रहने को किसी भी उद्देश्य के लिए आधार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

भाषा नेत्रपाल अविनाश

अविनाश