अदालत ने भारतीय दम्पति को विवाह पंजीकरण के लिए अमेरिका से वीडियो कान्फ्रेंस से पेश होने की अनुमति दी
अदालत ने भारतीय दम्पति को विवाह पंजीकरण के लिए अमेरिका से वीडियो कान्फ्रेंस से पेश होने की अनुमति दी
नयी दिल्ली, 28 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने अमेरिका में रहने वाले एक भारतीय दम्पति को उनके विवाह के पंजीकरण के लिए यहां पंजीकरण प्राधिकारी के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश होने की अनुमति दे दी है।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने पुरुष और महिला को सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में भारत के महावाणिज्य दूतावास के समक्ष पेश होने और वहां से वीडियो कॉन्फ्रेंस से पेश होने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति प्रसाद ने यह निर्देश अधिकारियों की इस दलील को ध्यान में रखते हुए दिया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीक की प्रगति को ध्यान में रखते हुए जोड़े की जगह किसी अन्य के पेश होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
उच्च न्यायालय ने कहा, “भारत के महावाणिज्य दूतावास, सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया से अनुरोध है कि याचिकाकर्ताओं को उनके विवाह के पंजीकरण के उद्देश्य से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल होने की अनुमति दी जाए।”
जोड़े ने अपनी याचिका में कहा कि उन्होंने 10 मई, 2022 को गाजियाबाद के कौशांबी के एक होटल में हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार विवाह किया था और अपना करियर बनाने के लिए अमेरिका चले गए।
याचिका में कहा गया कि एच1बी (रोजगार) वीजा पर वहां रह रही महिला ने इस साल जनवरी में सामूहिक छंटनी के दौरान अपनी नौकरी गंवा दी। याचिका में कहा गया है कि अमेरिका में निवास जारी रखने के लिए महिला को आश्रित वीजा प्राप्त करना होगा जिसके लिए विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र आवश्यक है।
याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय द्वारा पारित पहले के आदेश को आधार बनाया जिसमें एक जोड़े को उनके विवाह के पंजीकरण के लिए संबंधित प्राधिकारी के समक्ष डिजिटल तरीके से पेश होने की अनुमति दी गई थी।
याचिका पर फैसला करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा, ‘यह अदालत वर्तमान रिट याचिका को स्वीकार करने और याचिकाकर्ताओं को उनके विवाह के पंजीकरण के उद्देश्य से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पंजीकरण प्राधिकारी के सामने पेश होने की अनुमति देने की इच्छुक है।’
दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि एआई तकनीक में प्रगति को देखते हुए याचिकाकर्ताओं की जगह किसी अन्य व्यक्ति के पेश होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता और इससे बचने के लिए उन्हें सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूतावास के सामने पेश होने और वहां से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये पेश होने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
भाषा अमित नरेश
नरेश

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