जमानत अर्जी पर फैसला कर रही अदालत मामले के महत्वपूर्ण पहलुओं की अनदेखी नहीं कर सकती : न्यायालय

जमानत अर्जी पर फैसला कर रही अदालत मामले के महत्वपूर्ण पहलुओं की अनदेखी नहीं कर सकती : न्यायालय

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  • Publish Date - March 11, 2022 / 09:15 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:30 PM IST

नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रही कोई अदालत आरोपी के खिलाफ लगाये गये आरोप और दोषी करार दिये जाने पर सजा की गंभीरता जैसे मामले के महत्वपूर्ण पहलुओं को पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं सकती है।

शीर्ष न्यायालय ने 2019 में राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा जारी दो आदेशों को निरस्त करते हुए यह कहा। उच्च न्यायालय ने हत्या के एक मामले में दो आरोपियों को जमानत दी थी।

आरोपियों को दी गई जमानत को चुनौती देते हुए मृतक की पत्नी द्वारा दायर अपील पर अपने फैसले में न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने आदेशों को जारी करने के दौरान मामले के एक भी मूलभूत पहलू पर गौर नहीं किया।

पीठ ने शीर्ष न्यायालय के पहले के कुछ फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि जमानत देते हुए एक अदालत के लिए विस्तृत कारण बताना जरूरी नहीं है, खासतौर पर जब मामला शुरूआती चरण में हो।

शीर्ष न्यायालय ने कहा, ‘‘हालांकि, जमानत अर्जी पर फैसला करने के दौरान अदालत आरोपी के खिलाफ लगाये गये आरोप, आरोप साबित होने पर सजा की गंभीरता, आरोपी की आपराधिक पृष्ठभूमि और आरोपी के खिलाफ आरोप के समर्थन में अदालत का प्रथम दृष्टया सहमत होने जैसे मामले के महत्वपूर्ण पहलुओं को नजरअंदाज नहीं कर सकती। ’’

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप