ऋण चुकाने पर रोक की मांग वाली, प्री-स्कूलों के संगठन की याचिका पर विचार करने से न्यायालय का इनकार

ऋण चुकाने पर रोक की मांग वाली, प्री-स्कूलों के संगठन की याचिका पर विचार करने से न्यायालय का इनकार

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  • Publish Date - October 8, 2021 / 01:12 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:35 PM IST

नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को निर्देश देने की अनुरोध करने वाली एक याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। याचिका में मांग की गई है कि प्ले स्कूल चलाने वाले समूहों को ‘सावधि ऋण के लिए ब्याज मुक्त स्थगन अवधि’ दी जाए और उनकी ईएमआई को तब तक के लिए टाल दिया जाए जब तक कि कोविड-19 की स्थिति दूर न हो जाए।

बहरहाल, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने याचिकाकर्ता को अपने प्रतिवेदन के साथ आरबीआई का रुख करने की छूट दी।

पीठ ने कहा, “आप याचिका में जिस प्रकार की राहत मांग रहे हैं, वह अदालत कैसे दे सकती है। आप प्रतिवेदन दें, वे लोग फैसला करेंगे लेकिन इस तरह की याचिकाएं न दायर किया करें। आप जो छूट मांग रहे हैं, वह देना इस न्यायालय के दायरे में नहीं है।”

इस बात पर, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील रोहित पांडे ने अपने प्रतिवेदन के साथ आरबीआई के पास जाने की छूट मांगी।

शीर्ष अदालत ने तब याचिकाकर्ता को छूट दी कि वह आरबीआई के पास जा सकता है।

पीठ ने कहा, “हम इस रिट याचिका पर विचार नहीं करना चाहेंगे। हालांकि, याचिकाकर्ता को आरबीआई के पास जाने की छूट दी गई है जो कानून के अनुसार उपयुक्त रूप से प्रतिवेदन पर फैसला कर सकता है।”

शीर्ष अदालत द इंडियन काउंसिल ऑफ अर्ली चाइल्डहुड एजुकेटर्स एंड इंस्टीट्यूशंस (आईसीईसीईआई) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पेशेवर व्यक्ति, समूह, प्री और प्ले स्कूल सदस्य के रूप में शामिल हैं। याचिका में यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि ऐसे संस्थानों द्वारा लिए गए ऋण को दूसरी लहर के दौरान ईएमआई का भुगतान न करने के कारण गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घोषित नहीं किया जाए।

भाषा

नेहा मनीषा

मनीषा