न्यायालय ने वीवीपैट पर्चियों का मिलान ईवीएम से डाले गए मतों से करने संबंधी याचिका खारिज की

न्यायालय ने वीवीपैट पर्चियों का मिलान ईवीएम से डाले गए मतों से करने संबंधी याचिका खारिज की

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  • Publish Date - April 29, 2024 / 03:42 PM IST,
    Updated On - April 29, 2024 / 03:42 PM IST

नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने ‘वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपैट) पर्चियों का मिलान ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (ईवीएम) के जरिये डाले गए मतों से करने का मुद्दा उठाने वाली एक याचिका सोमवार को खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि शीर्ष अदालत की एक पीठ ने इस मुद्दे पर पिछले हफ्ते अपना फैसला सुनाया था।

न्यायालय ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि एक पीठ पहले ही निर्णय सुना चुकी है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने जब कहा कि मुद्दा पारदर्शिता का है और शीर्ष अदालत ने कुछ उपाय सुझाये थे, इस पर न्यायालय ने कहा, ‘‘एक अन्य पीठ दो दिन पहले एक आदेश जारी कर चुकी है।’’

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने 26 अप्रैल को उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिनमें ईवीएम से डाले गए मतों का वीवीपैट पर्चियों के साथ पुन: सत्यापन करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

हालांकि, शीर्ष अदालत ने चुनाव परिणामों में दूसरे और तीसरे स्थानों पर रहने वाले (असफल) उम्मीदवारों को एक विकल्प प्रदान करते हुए उन्हें प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच प्रतिशत ईवीएम में लगी ‘माइक्रोकंट्रोलर’ चिप के सत्यापन की मांग करने की अनुमति दे दी। न्यायालय ने यह भी कहा था कि इसके लिए उन्हें निर्वाचन आयोग को शुल्क अदा करना होगा।

न्यायालय ने निर्देश दिया था कि एक मई से, चिह्न ‘लोड’ करने वाली यूनिट को सील किया जाए और एक कंटेनर में भंडारित किया जाए तथा चुनाव परिणाम की घोषणा से कम से कम 45 दिन की अवधि के लिए ‘स्ट्रॉंग रूम’ में इन्हें ईवीएम के साथ रखा जाए।

भाषा सुभाष रंजन

रंजन