माकपा के प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से मुलाकात की, भाजपा के खिलाफ दायर शिकायत पर चर्चा की

माकपा के प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से मुलाकात की, भाजपा के खिलाफ दायर शिकायत पर चर्चा की

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  • Publish Date - April 29, 2024 / 10:47 PM IST,
    Updated On - April 29, 2024 / 10:47 PM IST

नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दो सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा के खिलाफ दायर की गई आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ी अपनी शिकायतों पर चर्चा करने के लिए सोमवार को निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की।

माकपा ने भाजपा के खिलाफ ये शिकायतें ‘‘सांप्रदायिक तनाव पैदा करने’’ और ‘‘झूठ फैलाने’’ को लेकर दायर की हैं।

माकपा ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य सांप्रदायिक तनाव पैदा करने, झूठ फैलाने और मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए तथ्यों से छेड़छाड़ करने को लेकर भाजपा के चुनाव प्रचार प्रमुख और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ दायर की गई विभिन्न शिकायतों को रेखांकित करना है।’’

पार्टी ने कहा कि इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने कुछ टेलीविजन चैनलों और मीडिया संस्थानों की भूमिका को लेकर भी चिंता जताई है।

माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली और केंद्रीय सचिवालय सदस्य मुरलीधरन प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे जिसने निर्वाचन आयोग से मुलाकात की।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने अब तक निर्वाचन आयोग को लिखे अपने पत्रों में जताई गई चिंताओं का जिक्र किया है, जिनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राजस्थान के बांसवाड़ा में एक रैली के दौरान दिया गया भाषण और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की हालिया टिप्पणियां शामिल हैं।

मोदी ने 21 अप्रैल को बांसवाड़ा रैली में कहा था कि कांग्रेस की योजना लोगों की गाढ़ी कमाई और कीमती वस्तुएं घुसपैठियों तथा अधिक संतान वाले लोगों को देने की है।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने 22 अप्रैल को आयोग को पत्र लिखकर इसे जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (3) और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया था।

उन्होंने आयोग से मोदी और भाजपा के खिलाफ तुरंत कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया था।

येचुरी ने नफरत फैलाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज किए जाने की भी मांग की है।

उन्होंने हिमाचल प्रदेश में एक रैली में इसी तरह का बयान दिए जाने को लेकर ठाकुर के खिलाफ रविवार को निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा था।

भाषा सुभाष नेत्रपाल

नेत्रपाल