इस डैम को बनाने में उपयोग हुई इतनी सीमेंट की धरती से चांद तक बन जाती सड़क

इस डैम को बनाने में उपयोग हुई इतनी सीमेंट की धरती से चांद तक बन जाती सड़क

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  • Publish Date - September 16, 2017 / 07:37 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

केवडिया। आखिरकार 56 साल के लंबे इंतजार के बाद सरदार सरोवर बांध बनकर तैयार हो गया। नर्मदा नदी पर बने इस बांध को तैयार करने का सपना लोह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देखा था। बांध की नींव हमारे पहले प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू ने रखी और उद्घाटन रविवार को तात्कालिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। सन 1962 में आधारशीला रखने के बाद से अभी तक बांध को तैयार करने में कुल 65,000 करोड़ रूपए खर्च किए जा चुके है। यह बांध नर्मदा नदी पर बने 30 बांधों में से एक है। वहीं इसको बनाने में उपयोग की गई सीमेंट के लिहाज से यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है।

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इस बांध को बनाने में 86.20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट का उपयोग किया गया। सीमेंट की मात्रा का अंदाजा तो इसी बात से लगाया जा सकता है कि इतनी सीमेंट में धरती से चांद तक सड़क बनाई जा सकती है। दुनिया में इससे अधिक सीमेंट का उपयोग सिर्फ अमेरिका के ग्रांट कुली बांध को बनाने में किया गया है। वहीं जब यह बांध पूरा भर जाएगा तो इससे गुजरात की पेयजल और सिंचाई की जरूरतें छह साल तक पूरी की जा सकेंगी। डैम का सबसे ज्यादा लाभ गुजरात को ही मिलेगा। 6000 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाले इस बांध से उत्पन्न होने वाली बिजली का 57 प्रतिशत हिस्सा मध्यप्रदेश को मिलेगा वहीं महाराष्ट्र को 27 प्रतिशत तो गुजरात का सिर्फ 16 प्रतिशत बिजली ही मिलेगी। वहीं राजस्थान को इससे सिर्फ पानी मिलेगा। 

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