दिल्ली: चार बेटियों वाले दंपत्ति ने अपहृत बच्चे को खरीदा, पांच आरोपी गिरफ्तार
दिल्ली: चार बेटियों वाले दंपत्ति ने अपहृत बच्चे को खरीदा, पांच आरोपी गिरफ्तार
नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने सीलमपुर मेट्रो स्टेशन से एक बच्चे का अपहरण और तस्करी करने के आरोप में सात महीने से फरार चल रही एक महिला समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
डेढ़ महीने के इस बच्चे का जून में अपहरण कर लिया गया था और उसे सकुशल बरामद कर उसकी मां से मिलवाया गया है।
पुलिस ने बताया कि बच्चे को खरीदने वाले दंपती (40 वर्षीय धीर सिंह और उनकी पत्नी बनीता) ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उनकी चार बेटियां हैं और वे एक बेटा चाहते थे। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी देवकी (22) महीनों से लगातार अपने ठिकाने बदल रही थी और आखिरकार उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में एक किराए के मकान से उसे पकड़ लिया गया। उसने कथित तौर पर चार जून को मेट्रो स्टेशन से नवजात का अपहरण किया था और बाद में उसे दिल्ली के आर्य नगर में डेढ़ लाख रुपये में बेच दिया था।
शास्त्री पार्क मेट्रो पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 137(2) (अपहरण) के तहत मामला दर्ज किया गया, लेकिन शिशु और आरोपी को ढूंढने के शुरुआती प्रयासों में कोई सफलता नहीं मिली। बाद में जांच मेट्रो यूनिट के चोरी निरोधक दस्ते को सौंप दी गई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि तकनीकी और शारीरिक खुफिया जानकारी से देवकी के महोबा में होने का संकेत मिला। पुलिस की एक टीम ने उसके ठिकाने पर छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया और तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
पूछताछ के दौरान, देवकी ने अपहरण और बच्चे को बेचने में शामिल अन्य लोगों की पहचान की। पुलिस ने बताया कि उसने गांधी नगर की एक आंगनवाड़ी सहायिका मंजू देवी (44) के कहने पर शिशु का अपहरण किया था, जबकि इस लेन-देन में घरेलू काम करने वाली शीला (35) ने मध्यस्थता की थी।
अधिकारियों ने बताया कि देवकी के खुलासे के बाद, पुलिस ने बनीता के कब्ज़े से बच्चे को बरामद कर लिया। उसका पति (धीर सिंह) एक निजी ठेकेदार है और उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों ने कबूल किया कि उन्होंने बेटे की चाहत में बच्चे को खरीदा था।
सभी चार सह-आरोपियों (मंजू, शीला, धीर और बनीता) को बीएनएस और किशोर न्याय अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया और बाद में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
बचाए गए बच्चे को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया, जिसने आदेश दिया कि उचित औपचारिकताओं के बाद बच्चे को उसकी मां को सौंप दिया जाए।
पुलिस ने बताया कि किसी भी आरोपी का कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और जांच जारी है।
भाषा
शुभम रंजन
रंजन

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