दिल्ली उच्च न्यायालय ने 22 सप्ताह की गर्भवती महिला को गर्भपात की अनुमति दी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 22 सप्ताह की गर्भवती महिला को गर्भपात की अनुमति दी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 22 सप्ताह की गर्भवती महिला को गर्भपात की अनुमति दी
Modified Date: November 29, 2022 / 07:55 pm IST
Published Date: September 25, 2021 7:38 pm IST

नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने 22 सप्ताह की गर्भवती एक महिला को चिकित्सकीय गर्भपात करने की अनुमति दी है। दरअसल भ्रूण में जन्मजात विसंगति का पता चला और बताया गया कि बच्चे के जन्म पर महिला को मनोवैज्ञानिक रूप से कष्ट हो सकता है।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने इसका संज्ञान लिया कि 31 वर्षीय याचिकाकर्ता की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में पता चला कि बच्चे के जन्म के बाद उसमें कई प्रकार की शारीरिक अपंगता हो सकती है और इन्हें लेकर कई तरह की सर्जरी की जरूरत होगी जिससे उसका जीवन गंभीर रूप से प्रभावित होगा। महिला ने न्यायाधीश को बताया कि 2019 में उसे जुड़वां बच्चे होने वाले थे लेकिन कुछ जटिलताओं के कारण बच्चों का जन्म समय से पहले हो गया और शारीरिक विकलांगता के चलते एक बच्चे की मौत हो गई।

महिला के अनुसार, दूसरे बच्चे का उपचार चल रहा है और इसलिए वह फिर से मानसिक और भावनात्मक परेशानी की स्थिति में नहीं पड़ना चाहती। अदालत ने कहा, ”इसकी पूरी संभावना है कि अगर याचिकाकर्ता को गर्भपात की मंजूरी नहीं दी गई तो उसे गंभीर रूप से मनोवैज्ञानिक कष्ट झेलना पड़ सकता है, इसलिए मैं वकील से सहमत हूं कि इस मामले में याचिकाकर्ता को गर्भपात कराने की अनुमति दी जाए।”

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भाषा यश पवनेश

पवनेश


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