हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, प्राइवेट स्कूलों में टीचर्स को हटाने से पहले लेनी होगी मंजूरी

Delhi High Court : प्राइवेट स्कूल के मेनेजमेंट द्वारा वहां पढ़ा रहे शिक्षक या कर्मचारियों को दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय से मंजूरी लिए बिना अनुशासनहीनता का आरोप लगा कर निलंबित नहीं किया जा सकेगा।

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  • Publish Date - October 17, 2022 / 04:23 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

Delhi High Court : नई दिल्ली – देश की राजधानी में राजनीतिक माहौल काफी बिगड़ा हुआ है। इस राजनीतिक हलचल के बीच दिल्ली हाईकोर्ट का एक बड़ा फैसला सामने आया है। अब दिल्ली के किसी भी प्राइवेट स्कूल के मेनेजमेंट द्वारा वहां पढ़ा रहे शिक्षक या कर्मचारियों को दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय से मंजूरी लिए बिना अनुशासनहीनता का आरोप लगा कर निलंबित नहीं किया जा सकेगा। दिल्ली के प्राइवेट स्कूल के मैनेजमेंट को अगर अपने शिक्षकों या कर्मचारियों को अनुशासनहीनता का आरोप लगा कर निलंबित करना है, तो उन्हें अब शिक्षा निदेशालय से 15 दिनों के भीतर मंजूरी लेनी होगी, वरना शिक्षकों का निलंबन अपने आप रद्द हो जाएगा।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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Delhi High Court : दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम के सेक्शन 8 के पॉइंट 4 और 5 के प्रावधानों को स्पष्ट करते हुए यह फैसला दिया है। पीठ ने कहा है कि स्कूल प्रबंधन अपने शिक्षक या कर्मचारियों को अनुशासनात्मक कार्यवाही के तहत आम तौर पर निलंबित नहीं कर सकते। स्कूल प्रबंधन ऐसा केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में ही कर सकते है। हालांकि, ऐसा करने के बाद स्कूल प्रबंधन को शिक्षा निदेशालय से 15 दिन के भीतर मंजूरी लेनी होगी। अगर मैनेजमेंट ऐसा करने में विफल रहता है, तो उस शिक्षक या कर्मचारी का निलंबन रद्द हो जाएगा।

 

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