Contractual Employees Regularisation: संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग पर लगी मुहर, आचार संहिता के बीच शुरू हुई प्रक्रिया

Contractual Employees Regularisation: संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग पर लगी मुहर, आचार संहिता के बीच शुरू हुई प्रक्रिया

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  • Publish Date - May 16, 2024 / 09:52 AM IST,
    Updated On - May 16, 2024 / 09:52 AM IST

जयपुर: contractual employees regularisation संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण पूरे देश में एक बड़ा मुद्दा बनते जा रहा है। देश हो या राज्य की सरकार संविदा कर्मचारियों से नियमितीकरण के वादे तो करते हैं, लेकिन अभी तक पूरी तरह से उनकी मांगें पूरी नहीं हो पाई है। हालांकि कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जा रहा है। लेकिन कई राज्यों में मामला लंबे समय से अटका हुआ है। हालांकि इसका एक कारण पेचीदा नियम भी है, जिसका खामियाजा संविदा और अनियमित कर्मचारी भुगत रहे हैं, लेकिन इस बीच खबर आ रही है कि प्रदेश की डबल इंजन की सरकार ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बाबात संबंधित मंत्रालय की ओर से आदेश भी जारी किया जा चुका है।

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डबल इंजन की सरकार ने दी बड़ी सौगात

contractual employees regularisation मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश की डबल इंजन की सरकार ने संविदा कर्मचारियों के ​नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ग्रामीण विभाग एवं पंचायती राज विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार जनवरी 2022 द्वारा जारी राजस्थान कांट्रेक्च्युअल टू सिविल पोस्ट रूल 2022 के नियम-20 के तहत ग्रामीण विकास विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में सृजित 4966 नियमित पदों की प्रशासनिक स्वीकृति मार्च 2024 को जारी की गई है। इन आदेशों के तहत महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत नियुक्ति प्राप्त संविदाकर्मी जो 9 वर्ष या उससे अधिक की अवधि में कार्य पूर्ण कर चुके हैं, उन्हें स्थाई किया जाना उनकी स्क्रीनिंग की जानी है।

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9 साल से कार्यरत कर्मचारियों का होगा नियमितीकरण

बताया जा रहा है कि संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए जिला स्तरीय एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जो कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच करेगी। कमेटी दस्तावेजों की जांच और सत्यापन के बाद रिपोर्ट मंत्रालय में भेजेगी। जारी निर्देश के अनुसार 1 अप्रैल 2024 तक 9 साल की सेवा अवधि पूरी कर चुके कर्मचारियों के दस्तावेजों का सत्यापन कर कमेटी मंत्रालय में रिपोर्ट भेजेगी। बता दें कि विभाग ने ये ये स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ ग्रामीण विकास विभाग में 9 साल की सेवा देने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।

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क्या है मनरेगा योजना?

  • सरकार के जरिए 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी की शुरुआत की गई थी जिसे आगे चलकर अक्टूबर 2009 को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कर दिया गया।
  • इस अधिनियम के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब परिवार के व्यस्क सदस्यों (उनमे महिलाएं भी शामिल हैं) को साल में 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी जाती है।
  • महात्मा गांधी नरेगा राजस्थान के तहत मजदूरी करने वाले मजदूरों को उनके घर से 5 किमी के अंदर ही रोजगार देने का प्रावधान है।
  • मजदूरों को आवास, सिंचाई, सड़क, वृक्षारोपण, चकबंदी, बागवानी आदि जैसे काम रोजगार के तौर पर उपलब्ध कराये जाते हैं।

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