दिल्ली में मध्य और दक्षिणी रिज क्षेत्र का निरीक्षण करेंगे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश

दिल्ली में मध्य और दक्षिणी रिज क्षेत्र का निरीक्षण करेंगे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश

दिल्ली में मध्य और दक्षिणी रिज क्षेत्र का निरीक्षण करेंगे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश
Modified Date: July 2, 2024 / 04:09 pm IST
Published Date: July 2, 2024 4:09 pm IST

नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वनरोपण और पेड़ों की कटाई की सीमा का आकलन करने के लिए मध्य रिज और दक्षिणी रिज क्षेत्र का भौतिक रूप से निरीक्षण करेगा।

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में पेड़ों की सुरक्षा से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों और मामले में न्यायमित्र द्वारा वृक्षारोपण तथा वृक्षों की कटाई के संबंध में ”परस्पर विरोधी दावों” का उल्लेख किया और सभी पक्षों से 17 जुलाई की सुबह अपने कक्ष में एकत्र होने को कहा ताकि वे संयुक्त रूप से रिज क्षेत्रों के भौतिक रूप से निरीक्षण के लिए आगे बढ़ सकें।

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दिल्ली में अरावली पर्वत श्रृंखला का विस्तार रिज क्षेत्र एक चट्टानी, पहाड़ी और वन क्षेत्र है। प्रशासनिक कारणों से इसे चार क्षेत्रों – दक्षिण, दक्षिण-मध्य, मध्य और उत्तर – में विभाजित किया गया है। इन चार क्षेत्रों का कुल क्षेत्रफल लगभग 7,784 हेक्टेयर है।

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने एक जुलाई को पारित अपने आदेश में कहा, ‘‘मध्य रिज क्षेत्र और दक्षिणी रिज क्षेत्र में वनरोपण एवं पेड़ों की कटाई के संबंध में अदालत में मौजूद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रधान सचिव तथा न्यायमित्र गौतम नारायण के परस्पर विरोधी दावों को देखते हुए, मेरा विचार है कि मध्य रिज और दक्षिणी रिज में वनरोपण और पेड़ों की कटाई की सीमा के संबंध में इस न्यायालय द्वारा भौतिक रूप से जांच की जानी चाहिए।’’

उच्च न्यायालय रिज के संरक्षण और राष्ट्रीय राजधानी में अनधिकृत रूप से वृक्षों की कटाई के मामलों से संबंधित कई मुद्दों पर विचार कर रहा है।

भाषा

रवि कांत रवि कांत नरेश

नरेश


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