दिल्ली विश्वविद्यालय ने पीएचडी पाठ्यक्रमों में कई नये बदलावों को मंजूरी दी
दिल्ली विश्वविद्यालय ने पीएचडी पाठ्यक्रमों में कई नये बदलावों को मंजूरी दी
नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस वर्ष अपने पीएचडी पाठ्यक्रमों में कई नये बदलाव किये हैं, जिसमें ‘प्रसिद्ध और विश्वसनीय’ पत्रिकाओं में कम से कम दो शोध पत्रों का प्रकाशन, बाहरी परीक्षकों के अलावा शोध पर्यवेक्षक द्वारा थीसिस का मूल्यांकन और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को पीएचडी करने के लिये छूट शामिल हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
विश्वविद्यालय शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से ‘राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी’ (एनटीए) द्वारा आयोजित संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी-पीएचडी) के माध्यम से छात्रों को पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश देगा। हालांकि, विश्वविद्यालय में सेवारत शिक्षण और गैर-शिक्षण वर्ग सीधे साक्षात्कार के लिए उपस्थित हो सकते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले सप्ताह कार्यकारी परिषद की बैठक के दौरान नये बदलावों को मंजूरी दी गई थी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस के निदेशक प्रकाश सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘हमने पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानकों और प्रक्रियाओं में नियमों में कई संशोधन किए हैं। हमने प्रवेश की प्रक्रिया में भी बदलाव किए हैं। अब पीएचडी में सभी प्रवेश सीयूईटी पीएचडी के माध्यम से किए जाएंगे।’
उन्होंने बताया कि इन संसोधनों में एक प्रावधान है कि एक पीएचडी स्कॉलर को थीसिस जमा करने से पहले यूजीसी केयर सूचीबद्ध पत्रिकाओं में कम से कम दो शोध पत्र शामिल करने चाहिये और एक पत्र या पुनर्मुद्रण के रूप में साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहिये।
सिंह ने कहा, ‘हमने विभागों से प्रसिद्ध और विश्वसनीय पत्रिकाओं की एक सूची तैयार करने के लिए कहा है। विश्वविद्यालय इन पत्रिकाओं में प्रकाशित पत्रों पर ही विचार करेगा।’
भाषा साजन माधव
माधव

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