दिल्ली की हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रही; मंगलवार को हल्की बारिश व धुंध छाए रहने के आसार

दिल्ली की हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रही; मंगलवार को हल्की बारिश व धुंध छाए रहने के आसार

दिल्ली की हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रही; मंगलवार को हल्की बारिश व धुंध छाए रहने के आसार
Modified Date: October 27, 2025 / 08:42 pm IST
Published Date: October 27, 2025 8:42 pm IST

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रही। सुबह और दोपहर बाद धुंध की मोटी परत छाई रही, जिससे दृश्यता कम हो गई।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 301 रहा।

हर घंटे हवा की गुणवत्ता की ताजा जानकारी देने वाले सीपीसीबी के ‘समीर’ मोबाइल ऐप के अनुसार, शाम छह बजे तक राष्ट्रीय राजधानी के 38 प्रदूषण निगरानी केंद्रों में से 22 में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। आनंद विहार सबसे अधिक प्रदूषित इलाका रहा, जहां एक्यूआई 395 दर्ज किया गया, जबकि 385 एक्यूआई के साथ वजीरपुर दूसरे स्थान पर रहा।

 ⁠

हालांकि, किसी भी केंद्र पर प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज नहीं किया गया।

इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि शहर का अधिकतम तापमान 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 1.3 डिग्री अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.1 डिग्री अधिक 17.3 डिग्री सेल्सियस रहा।

दिन के दौरान आर्द्रता का स्तर 94 प्रतिशत से 58 प्रतिशत के बीच रहा।

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के वायु गुणवत्ता प्रबंधन संबंधी ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ के अनुसार, दिल्ली के कुल प्रदूषण में 13.7 प्रतिशत हिस्सेदारी वाहनों की रही।

उपग्रह से प्राप्त 26 अक्टूबर के आंकड़ों के अनुसार, पराली जलाने की पंजाब में 122, हरियाणा में आठ और उत्तर प्रदेश में 186 घटनाएं दर्ज की गईं।

आईएमडी ने मंगलवार सुबह धुंध के साथ आसमान में बादल छाए रहने और हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने की संभावना जताई है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 29 और 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे अधिक प्रदूषण वाले समय में, खासकर सुबह-सुबह और देर शाम बाहर निकलने से बचें या कम से कम समय के लिए ही बाहर जाएं।

भाषा खारी अविनाश

अविनाश

अविनाश


लेखक के बारे में