कोरोना महामारी के खिलाफ भारत को एक बार फिर मिली बड़ी सफलता, इस खास वैक्सीन को DGCI ने दी मंजूरी

स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई को बड़ा बूस्ट। भारत बायोटेक के ChAd36-SARS-CoV-S COVID-19 नेजल वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है।

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  • Publish Date - September 6, 2022 / 05:09 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:08 PM IST

Bharat Biotech Vaccine: कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में भारत को एक और बड़ी सफलता मिली है। देश में बनी पहली नेजल वैक्सीन को DGCI की मंजूरी मिल गई है। इस स्वदेसी वैक्सीन को भारत बायोटेक ने बनाया है। इस वैक्सीन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि यह वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत के लिए ‘ बिग बूस्ट’ साबित होगी। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई को बड़ा बूस्ट। भारत बायोटेक के ChAd36-SARS-CoV-S COVID-19 नेजल वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है।

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उन्होंने आगे लिखा कि यह कदम महामारी के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई को और मजबूत करेगा। भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अपने विज्ञान, अनुसंधान एवं विकास और मानव संसाधन का इस्तेमाल किया है। उन्होंने यह भी कहा कि हम विज्ञान आधारित दृष्टिकोण से कोविड-19 को हराएंगे।

इससे पहले भारत बायोटेक ने इंट्रानैसल वैक्सीन का तीसरा क्लीनिकल ट्रायल 15 अगस्त को पूरा कर लिया था.ट्रायल के दौरान वैक्सीन को पहली और दूसरी खुराक के तौर पर दिया गया। सफल परीक्षण होने के बाद बूस्टर डोज के तौर पर भी इसका परीक्षण किया गया। हालांकि बूस्टर डोज उन्हीं लोगों को दी गई थी जिन्होंने कोविड की दोनों वैक्सीन लगवा ली थी।

भारत बायोटेक ने पूरे भारत में 14 जगहों पर परीक्षण किए थे. कंपनी ने बताया था कि पहले चरण के क्लीनिकल ट्रायल में स्वस्थ वॉलंटियर्स को दी गई वैक्सीन की खुराक ने अच्छी तरह से काम किया है। कोई गंभीर प्रतिकूल घटना की जानकारी नहीं मिली है। वैक्सीन को प्री-क्लीनिकल टॉक्सिसिटी स्टडीज में सुरक्षित, इम्युनोजेनिक और अच्छी तरह से काम करने योग्य पाया गया था।

Intra Nasal Vaccine की बूस्टर डोज के लिए 9 जगहों पर परीक्षण किया गया था। केंद्र सरकार ने पिछले साल मिशन कोविड सुरक्षा को लॉन्च किया था, जिससे कोरोना वैक्सीन पर जल्द से जल्द तेजी से काम किया जा सके। इस मिशन का फोकस लोगों के लिए एक सुरक्षित, प्रभावी, सस्ती और सुलभ कोविड वैक्सीन उपलब्ध करवाना है।

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