अमेरिका में दिए बयान के लिए धनखड़ ने राहुल गांधी की आलोचना की
अमेरिका में दिए बयान के लिए धनखड़ ने राहुल गांधी की आलोचना की
नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के अमेरिका में दिए गए बयान को लेकर जाहिर तौर पर उन पर हमला करते हुए कहा कि ‘‘संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का राष्ट्र के दुश्मनों में शामिल हो जाने से अधिक निंदनीय और असहनीय कुछ नहीं है।’’
धनखड़ का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी सांसद इल्हान उमर और अन्य लोगों से मुलाकात को लेकर उन पर एक दिन पहले ही निशाना साधा था।
भाजपा ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता विदेशों में उन लोगों से संपर्क कर ‘खतरनाक और शरारतपूर्ण’ गतिविधियों में संलिप्त हैं जो अपने भारत विरोधी रुख के लिए जाने जाते हैं।
धनखड़ ने यहां राज्यसभा इंटर्नशिप कार्यक्रम के तीसरे बैच के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वह इस बात से बहुत दुखी और परेशान हैं कि पद पर बैठे कुछ लोगों को राष्ट्रीय हित की कोई जानकारी नहीं है।
उपराष्ट्रपति ने अपने भाषण में किसी का नाम नहीं लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम सच्चे भारतीय हैं तो हम देश के दुश्मनों का पक्ष कभी नहीं लेंगे।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं इस बात से दुखी और परेशान हूं कि कुछ लोग जो पद पर हैं, उन्हें भारत के बारे में कुछ भी पता नहीं है। उन्हें हमारे संविधान के बारे में कुछ भी पता नहीं है, उन्हें हमारे राष्ट्रीय हित के बारे में कुछ भी पता नहीं है… मुझे यकीन है कि आप जो देख रहे हैं, उसे देखकर आपका दिल दुख रहा होगा।’’
धनखड़ ने कहा कि लोगों ने स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘माताओं ने अपने बेटे न्योछावर कर दिए, पत्नियों ने अपने पति न्योछावर कर दिए। हम अपने राष्ट्रवाद का मजाक नहीं उड़ा सकते।’’
राज्यसभा के सभापति ने कहा कि देश के बाहर प्रत्येक भारतीय देश का राजदूत होता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कितना दुखद है कि संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति इसके ठीक उलट काम कर रहा है। इससे अधिक निंदनीय, घृणित और असहनीय कुछ नहीं हो सकता कि आप देश के दुश्मनों का हिस्सा बन जाएं।’’
धनखड़ की राय थी कि ऐसे लोग स्वतंत्रता का मूल्य नहीं समझते और उन्हें देश की 5,000 साल पुरानी सभ्यता की भी समझ नहीं है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि संविधान पवित्र है और इसे इसके संस्थापकों द्वारा तीन वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया गया।
धनखड़ ने कहा कि संविधान सभा के सदस्यों की बैठक में कोई अवरोध नहीं हुआ, कोई नारेबाजी नहीं हुई और कोई पोस्टर नहीं लहराए गए।
उन्होंने कहा, ‘‘और अब, कुछ लोग हमारे देश को बांटना चाहते हैं। यह अज्ञानता की पराकाष्ठा है।’’
राहुल गांधी ने मंगलवार को वाशिंगटन में नेशनल प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन में चीन के साथ विवाद को सुलझाने के भारत के तरीके को लेकर नरेन्द्र मोदी सरकार की आलोचना की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यह त्रासदी है कि भारत के 4,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर पड़ोसी देश के सैनिकों का कब्जा है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने संकेत दिया कि कांग्रेस अन्य प्रमुख विदेश नीति मुद्दों पर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के साथ व्यापक रूप से सहमत है, जिसमें अमेरिका के साथ संबंध, आतंकवाद समाप्त होने तक पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं होना और बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों पर चिंताएं शामिल हैं।
चीन के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, राहुल ने कहा, ‘‘ठीक है, अगर आप हमारे 4,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में चीनी सैनिकों के होने को चीजें अच्छी तरह से संभालना कहते हैं, तो हो सकता है। लद्दाख में दिल्ली के आकार की भूमि पर चीनी सैनिकों का कब्जा है। मुझे लगता है कि यह एक त्रासदी है। मीडिया इसके बारे में लिखना पसंद नहीं करता है।’’
भाषा वैभव
वैभव

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