बाढ़ से क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत पूरी, जम्मू में ‘शून्य घुसपैठ’ लिए बीएसएफ सतर्क: आईजी

बाढ़ से क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत पूरी, जम्मू में 'शून्य घुसपैठ' लिए बीएसएफ सतर्क: आईजी

बाढ़ से क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत पूरी, जम्मू में ‘शून्य घुसपैठ’ लिए बीएसएफ सतर्क: आईजी
Modified Date: November 29, 2025 / 06:47 pm IST
Published Date: November 29, 2025 6:47 pm IST

जम्मू, 29 नवंबर (भाषा)सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को बताया कि बल जम्मू क्षेत्र में सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ को शतप्रतिशत रोकने के लिए पूरी तरह सतर्क है।

उन्होंने कहा कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण का काम एक महीने के भीतर पूरा कर लिया गया।

बीएसएफ के जम्मू फ्रंटियर के महानिरीक्षक शशांक आनंद ने वार्षिक प्रेस वार्ता में बल की प्रमुख उपलब्धियों और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसकी भूमिका की जानकारी दी।

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आनंद ने यह भी कहा कि बल सर्दियों के महीनों के लिए नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित है, जिनमें कोहरे की स्थिति में भी देखने में सक्षम उपकरण शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू के इस संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्र में बीएसएफ वर्ष के 365 दिन और 24 घंटे, दिन हो या रात, सतर्क रहता है चाहे परिस्थितियां और मौसम की स्थिति (बारिश, कोहरा, ठंड या गर्मी) कैसी भी हो। हमें चौकियों को न छोड़ने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।’’

आनंद ने बीएसएफ के उप महानिरीक्षक विक्रम कुंवर और कुलवंत राय शर्मा के साथ यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मनों से लड़ते हुए हमारे दो बहादुर सैनिक शहीद हो गए, जबकि सितंबर में हमारा एक बहादुर सैनिक प्रागवाल में अग्रिम चौकी पर तैनाती के दौरान डूब गया, जबकि वह अच्छा तैराक था। उसने सीमा चौकी नहीं छोड़ी और मौत को चुना, जिससे पता चलता है कि हमारे सैनिक देश को सर्वोपरि मानते हैं।’’

आईजी ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल हमेशा सतर्क रहता है और सीमा पार की गतिविधियों पर नजर रखता है। उन्होंने कहा कि अपने विश्वसनीय सूत्रों के कारण, उसे आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ की संभावित कोशिशों के बारे में समय पर जानकारी मिल जाती है।

जम्मू में बल का नेतृत्व कर रहे आनंद ने कहा, ‘‘ अगर मैं जम्मू-कश्मीर क्षेत्र की बात करूं, तो विभिन्न एजेंसियां मिलकर काम करती हैं। बीएसएफ, सेना, खुफिया ब्यूरो, विशेष ब्यूरो, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण और कई अन्य सहयोगी एजेंसियां हैं, जिनके माध्यम से हमें लगातार जानकारी मिलती रहती है।’’

उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि बल किसी भी चुनौती के लिए तैयार है।

आनंद ने कहा कि बीएसएफ सीमा पर ‘शून्य घुसपैठ’ लक्ष्य हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

अगस्त-सितंबर में आई बाढ़ के बाद घुसपैठ रोधी तंत्र को हुए भारी नुकसान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने स्वीकार किया कि सीमावर्ती बुनियादी ढांचे पर असर पड़ा था।

उन्होंने जोर देकर कहा कि बीएसएफ ने 2014 और 1988 में इसी तरह की आपदाओं का सामना किया था और वह ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए पर्याप्त रूप से सक्षम है।

आनंद ने कहा, ‘‘हमारे एक केंद्रीय मंत्री ने 31 अगस्त और 1 सितंबर को बाढ़ से हुए नुकसान की समीक्षा की और उन्हें विस्तृत जानकारी दी गई, जिसमें वादा किया गया कि क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे का एक महीने के भीतर पुनर्निर्माण किया जाएगा।’’

बीएसएफ के आईजी ने कहा कि बल ने न केवल अपना लक्ष्य हासिल किया बल्कि सीमा ग्रिड को और मजबूत भी किया।

भाषा धीरज संतोष

संतोष


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