जम्मू-कश्मीर में जल स्तर घटने से बाढ़ का खतरा कम हुआ

जम्मू-कश्मीर में जल स्तर घटने से बाढ़ का खतरा कम हुआ

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  • Publish Date - April 30, 2024 / 03:57 PM IST,
    Updated On - April 30, 2024 / 03:57 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

श्रीनगर, 30 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा और कुछ निचले इलाकों को छोड़कर बाकी हिस्सों में बाढ़ का खतरा मंगलवार को कम हो गया क्योंकि तीन दिन से लगातार जारी बारिश के सोमवार देर रात थमने के बाद झेलम नदी समेत घाटी के अन्य जल निकायों में जल स्तर घटने लगा है।

अधिकारियों ने कहा कि नदी के निचले इलाकों में पानी का स्तर कुछ घंटों तक बढ़ता रहा और मंगलवार को तड़के पुलवामा के पंपोर और श्रीनगर के राम मुंशी बाग में बाढ़ की चेतावनी के निशान को पार कर गया, लेकिन अब जल स्तर में कमी आने लगी है।

अधिकारियों ने कहा कि देर रात झेलम नदी का जल स्तर भी अनंतनाग जिले के संगम में बाढ़ की चेतावनी के निशान को पार कर गया, लेकिन जब रात 11 बजे के आसपास बारिश रुकी तो जल स्तर अब कम हो रहा है।

कश्मीर में शुक्रवार से हो रही लगातार बारिश के कारण जलाशयों में बाढ़ आ गई है । कुपवाड़ा जिले में पोहरू नाला का पानी किनारों के ऊपर से बहने लगा जिसके परिणामस्वरूप सीमांत जिले में अचानक बाढ़ आ गई।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कुपवाड़ा में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और सरकार से क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों को हुए नुकसान की भरपाई करने का आग्रह किया।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि हमने 2014 से कोई सबक नहीं सीखा है। जलवायु परिवर्तन हो रहा है, दुबई जैसी जगह, जो एक रेगिस्तान है, वहां सिर्फ एक दिन में 18 महीने के बराबर बारिश हुई। हमें बदलती जलवायु के अनुसार खुद को बदलना होगा।’’

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने भी कुपवाड़ा और हंदवाड़ा के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया।

अब्दुल्ला और लोन बारामूला लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं जहां 20 मई को मतदान होना है।

श्रीनगर सहित कश्मीर के कई निचले इलाके बारिश के कारण जलमग्न हो गए हैं। अधिकारी पानी बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

घाटी के कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। सरकार ने ऐहतियात के तौर पर मंगलवार को घाटी के सभी स्कूलों को बंद कर दिया। कश्मीर विश्वविद्यालय ने भी मंगलवार को होने वाली सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।

भाषा संतोष मनीषा

मनीषा