इतिहास में पहली बार SC के 4 जजों की प्रेस कांफ्रेंस, CJI के खिलाफ मोर्चा

इतिहास में पहली बार SC के 4 जजों की प्रेस कांफ्रेंस, CJI के खिलाफ मोर्चा

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  • Publish Date - January 12, 2018 / 07:16 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:56 PM IST

नई दिल्ली। देश को तय करने दें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश पर महाभियोग चलना चाहिए या नहीं। 

मुख्य न्यायाधीश के बाद सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज न्यायमूर्ति चमलेश्वर की मुख्य न्यायाधीश के बारे में की गई ये टिप्पणी अहम है और जाहिर है कि इसकी गूंज दूर तलक सुनाई देगी। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब देश की सबसे बड़ी अदालत के चार सबसे सीनियर जजों ने एक साथ एक प्रेस कांफ्रेंस करके न्यायालय के भ्रष्टाचार का कथित खुलासा किया है। प्रेस कांफ्रेंस की शुरुआत करते हुए जस्टिस चमलेश्वर ने कहा कि इस तरह की प्रेस कांफ्रेंस करना कोई खुशी की बात नहीं है, लेकिन इसे इसलिए बुलाने की नौबत आई है क्योंकि पिछले कुछ महीने से सुप्रीम कोर्ट में सबकुछ ठीक से नहीं चल पा रहा है। उन्होंने खुलासा किया कि इस बारे में जजों ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में कोई ऐसा न कह दे कि हमने आत्मा बेच दी. हम चीफ जस्टिस को लिखी चिट्ठी सार्वजनिक करेंगे.

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न्यायालय के भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए की गई इस कॉन्फ्रेंस में उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के बाद के चार सबसे वरिष्ठ न्यायमूर्ति जे चल्मेश्वर, रंजन गोगोई, मदन लोकुर और कुरियन जोसेफ मौजूद थे।

 

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ये पूछे जाने पर कि क्या मुख्य न्यायाधीश को लिखी चिट्ठी सीबीआई जज बी एच लोया के केस को लेकर है, जस्टिस रंजन गोगोई ने सिर्फ इतना कहा-हां।

 

प्रेस कांफ्रेंस में जस्टिस जे. चेलमेश्वर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जो हुआ, वो सही नहीं था. हमने चीफ जस्टिस को समझाने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो सके. हम चारों जज मानते हैं कि लोकतंत्र के बचे रहने के लिए पारदर्शी न्याय ज़रूरी है. 

 

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भारतीय नागरिकों को सबसे ज्यादा किसी संस्था पर विश्वास है तो वो है न्यायपालिका। अदालत को न्याय का मंदिर कहा जाता है और ये अभी भी बहुसंख्यकों का भरोसा है कि देर भले ही हो जाए, लेकिन इंसाफ जरूर होगा और जीत सच की ही होगी। ये अलग बात है कि कई बार न्यायपालिका पर भी उंगली उठी है और कई बार न्यायाधीशों खासकर निचली न्यायालयों के जजों पर गंभीर आरोप लगे हैं, लेकिन भारतीय इतिहास में आज यानी 12 जनवरी को ऐसा पहली बार हुआ, जब देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने खुद ही न्यायालय के भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए प्रेस कांफ्रेंस की।

 

 

वेब डेस्क, IBC24