गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पर बोला हमला, कहा-‘मुझ पर मिसाइलें दागी, मैंने सिर्फ 303 राइफल से दिया जवाब’

इस दौरान उन्होंने कांग्रेस से अपने पुराने नाते और राजीव गांधी और इंदिरा गांधी को लेकर भी बात की. आइये आपको बताते हैं गुलाम नबी आजाद ने क्या कहा है.

गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पर बोला हमला, कहा-‘मुझ पर मिसाइलें दागी, मैंने सिर्फ 303 राइफल से दिया जवाब’
Modified Date: November 29, 2022 / 08:00 pm IST
Published Date: September 9, 2022 11:59 pm IST

Ghulam Nabi Azad Latest News: कांग्रेस से नाता तोड़ने के बाद से गुलाम नबी आजाद अपनी पूर्व पार्टी पर लगातार हमलावर हैं। अब उन्होंने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के अधिकारियों ने मेरे ऊपर मिसाइलें दागीं और जवाबी कार्रवाई में मैंने सिर्फ राइफल से गोलियां चलाईं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस से अपने पुराने नाते और राजीव गांधी और इंदिरा गांधी को लेकर भी बात की। आइये आपको बताते हैं गुलाम नबी आजाद ने क्या कहा है।

आजाद ने कांग्रेस पर फिर साधा निशाना

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने हाल ही में पांच दशक की सेवा के बाद कांग्रेस से नाता तोड़ लिया था। आजाद ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह में एक जनसभा में बोलते हुए कहा कि उन्होंने (कांग्रेस) ने मुझ पर मिसाइलें दागीं, मैंने केवल 303 राइफल से जवाबी कार्रवाई की और उन्हें नष्ट कर दिया गया। क्या होता अगर मैंने बैलिस्टिक मिसाइल इस्तेमाल की होती? ऐसा करने पर वे (कांग्रेस) गायब ही हो जाते।

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नहीं लिया राजीव-इंदिरा का नाम

हालांकि, उन्होंने राजीव गांधी या इंदिरा गांधी पर टिप्पणी करने से परहेज किया. उन्होंने कहा कि चूंकि मैं 52 साल से पार्टी का सदस्य रहा और राजीव गांधी को अपना भाई मानता हूं और इंदिरा गांधी को अपनी मां मानता हूं, इसलिए मुझे उनके खिलाफ शब्दों का इस्तेमाल करने की कोई इच्छा नहीं है. आजाद ने कांग्रेस छोड़ने के बाद जम्मू में अपनी पहली जनसभा में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी शुरू करने का इरादा बताया.

अपनी पार्टी को लेकर क्या बोले आजाद?

उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक अपनी पार्टी के लिए नाम तय नहीं किया है. जम्मू-कश्मीर के लोग पार्टी के लिए नाम और झंडा तय करेंगे. मैं अपनी पार्टी को एक हिंदुस्तानी नाम दूंगा जिसे हर कोई समझ सके. याद दिला दें कि आजाद 2005 से 2008 तक जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.


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