पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह का निधन, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई नेताओं ने जताया शोक
पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह का निधन, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई नेताओं ने जताया शोक
नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) विदेश, वित्त और रक्षा मंत्री बनने का गौरव हासिल करने वाले एवं पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद करीबी रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह का लंबी बीमारी के बाद रविवार को यहां निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजस्थान, बिहार और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा व अन्य दलों के वरिष्ठ नेताओं ने सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
भाजपा के संस्थापक सदस्य रहे सिंह ने दिल्ली में सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में अंतिम सांस ली।
सैन्य अस्पताल ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘बड़े दुख के साथ सूचित किया जा रहा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का आज सुबह 6.55 बजे निधन हो गया। उन्हें 25 जून को भर्ती कराया गया था। आज सुबह दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ।’’
बयान में कहा गया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने उन्हें बचाने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार आज ही राजस्थान के जोधपुर में होगा।
पूर्व सैन्य अधिकारी सिंह अगस्त 2014 में अपने घर में गिरने के बाद से बीमार थे। उन्हें सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद से उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस साल जून में उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
राष्ट्रपति कोविंद ने उन्हें उत्कृष्ट सांसद, असाधारण जननेता और बुद्धिजीवी करार देते हुए कहा, ‘‘जसवंत सिंह ने अनेक कठिन भूमिकाओं को सहजता और धैर्य के साथ निभाया। उनके परिवार, मित्रों और सहयोगियों के प्रति मेरी शोक-संवेदना।’’
प्रधानमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा, ”जसवंत जी को राजनीति तथा समाज से संबंधित मामलों में उनके अद्वितीय दृष्टिकोण के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने भाजपा को मजबूती देने में भी योगदान दिया। मैं उनके साथ हुए संवाद को याद कर रहा हूं। मेरी ओर से उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदनाएं। ऊॅं शांति।”
मोदी ने कहा, ‘‘अटल जी की सरकार में उन्होंने वित्त, रक्षा और विदेश मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों को संभाला और इन क्षेत्रों में गहरी छाप छोड़ी। उनके निधन से दुखी हूं।’’
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में सिंह को जब भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राजस्थान के बाड़मेर से मैदान में उतरे थे। हालांकि उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।
जसवंत सिंह ने पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग संसदीय क्षेत्र का भी लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया।
प्रधानमंत्री ने जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह से फोन पर बात की और अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं।
मोदी ने कहा कि जसवंत सिंह बहुत बहादुरी से पिछले छह साल से अपनी बीमारी से लड़ रहे थे।
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि वह एक कुशल प्रशासक, उत्कृष्ट सांसद और एक ऐसे व्यक्ति थे, जिनमें कोई बुराई नहीं थी।
उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट किया, ”पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के निधन की खबर सुनकर बेहद दुख हुआ। वह एक महान नेता थे, जिन्होंने अपनी विभिन्न क्षमताओं से देश की सेवा की।”
नायडू ने कहा कि वह कुशल प्रशासक, उत्कृष्ट सांसद और एक ऐसे व्यक्ति थे, जिनमें कोई बुराई नहीं थी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनका निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सरकार व संगठन में विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने (जसवंत सिंह)अपनी कर्तव्यनिष्ठा से एक गहरी छाप छोड़ी। मैं उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। ॐ शांति।’’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी जसवंत सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह ने निष्ठापूर्वक भारत की सेवा की।
राजनाथ सिंह ने लिखा, ”जसवंत सिंह जी को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देश सेवा में बेजोड़ योगदान के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने राजस्थान में भाजपा को मजबूती प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ऊॅं शांति।”
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि जसवंत सिंह के निधन का समाचार दुःखद है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार में विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने जन-जन के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करने में अपना प्रत्येक क्षण समर्पित कर दिया। जसवंत सिंह जी का जाना संगठन, समाज तथा देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके परिवार के प्रति मेरी अपार संवेदनाएं।’’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री जसवंत सिंह जी के निधन से दुखी हूं।’’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा कि दिवंगत जसवंत सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान केन्द्र सरकार में कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री के रूप में अमिट छाप छोड़ी, जिसमें रक्षा, वित्त एवं विदेश मंत्रालय शामिल है।
कुमार ने कहा कि वित्त मंत्री के रूप में सिंह ने बाजार-हितकारी सुधारों को बढ़ावा दिया। 2001 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद का सम्मान भी मिला था। वह भारतीय राजनीति की महान विभूति थे । उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में अपूरणीय क्षति हुई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘पूर्व रक्षा मंत्री एवं देश में सबसे लंबे समय तक संसद सदस्य रहे लोगों में से एक श्री जसवंत सिंह जी के निधन से दुखी हूं। उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’’
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
सावंत ने ट्वीट किया, ”भारत के विकास में उनके (जसवंत सिंह) शानदार योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी ओर से संवेदनाएं। ऊॅं शांति।’’
तीन जनवरी, 1938 को बाड़मेर ज़िले के जसोल गांव में जन्मे जसवंत सिंह भाजपा के उन गिने-चुने नेताओं में से थे जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से नहीं आते थे। इसके बावजूद उन्होंने वाजपेयी सरकार में देश के विदेश, वित्त और रक्षा मंत्री बनने का गौरव हासिल किया। वर्ष 1996 में वह वाजपेयी की 13 दिन की सरकार में वित्त मंत्री बनाए गए थे। वाजपेयी ने ही उन्हें योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया था। वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान वह विदेश मंत्री बने।
उनकी पुस्तक ‘जिन्ना-इंडिया, पार्टीशन, इंडिपेंडेंस’ प्रकाशित होने के सिर्फ दो दिनों के बाद ही उन्हें भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था।
वर्ष 1999 में कंधार विमान अपहरण कांड के दौरान तीन आतंकवादियों को अपने साथ विमान से कंधार ले जाने को लेकर जसवंत सिंह की अकसर आलोचना होती रही।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र नेत्रपाल
नेत्रपाल

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