राजस्थान विधानसभा चुनाव मोदी के चेहरे पर लड़ने की भाजपा की रणनीति पर गहलोत ने चुटकी
राजस्थान विधानसभा चुनाव मोदी के चेहरे पर लड़ने की भाजपा की रणनीति पर गहलोत ने चुटकी
जयपुर, आठ अगस्त (भाषा) राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर लड़ने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रणनीति पर चुटकी लेते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आगे नहीं किए जाने को लेकर सवाल उठाया।
गहलोत ने कहा कि खुद को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में देख रहे भाजपा के स्थानीय नेता चुनाव जीतने में ‘नाकाबिल’ हैं, इसलिए पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे को आगे किया है।
मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार शाम अपने निवास पर मीडियाकर्मियों से सवाल किया कि राजे मंगलवार को जयपुर में राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल क्यों नहीं हुईं। गहलोत ने कहा कि ‘‘वसुंधरा राजे ने कभी उनकी सरकार नहीं बचाई’’ और प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर से तुलना कर राजस्थान को झूठा बदनाम किया है।
गहलोत ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि भाजपा के स्थानीय नेता जो खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में मानते हैं वे ‘नाकाबिल’ हैं, वे ये चुनावी मुकाबला नहीं कर पाएंगे इसलिए उन्होंने मोदी का चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात कही है।
गहलोत ने सवाल किया, ‘‘मुख्यमंत्री का चेहरा तो बने हुए हो, लेकिन क्या आप मुख्यमंत्री के चेहरे के लायक हो? क्या आपको जनता स्वीकार करेगी?’’
उन्होंने कहा, ‘‘वसुंधरा क्यों नहीं आईं भाजपा के विरोध प्रदर्शन में…? वह दो बार मुख्यमंत्री रही हैं, उनको आगे क्यों नहीं किया गया?’’
गहलोत ने भाजपा के स्थानीय नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘तुमसे मुकाबला नहीं होगा, तुम कहते हो कि मोदी चेहरा होंगे। मोदी तो प्रधानमंत्री हैं। चुनाव राजस्थान विधानसभा के हैं और आप मोदी का चेहरा आगे ला रहे हो। आप इतने नाकाबिल हो कि मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात कर रहे हो।’’
गहलोत ने संकेत दिया कि वह आगामी चुनाव अपनी सरकार के कामकाज व लोक कल्याणकारी योजनाओं के आधार पर लड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं तो प्रधानमंत्री नहीं हूं, मैंने तो जो काम किये हैं… जैसा प्रदर्शन किया है… जनता की भलाई के काम किये हैं, सामाजिक सुरक्षा दी है… मैं तो चुनाव उसके आधार पर लड़ना चाहूंगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मोदी तो अंतरराष्ट्रीय नेता हैं, ‘विश्व गुरु’ हैं, उनको क्यों सामने ला रहे हो आप।’’
गहलोत ने कहा कि कई बार चुनाव जीतने वाले भाजपा के स्थानीय नेता 25-30 साल में भी इतने काबिल नहीं बन पाए हैं कि राज्य का चुनाव उनके चेहरे पर लड़ा जाए।
मुख्यमंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि ‘‘वसुंधरा राजे ने कभी उनकी सरकार नहीं बचाई’’। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा विश्वास है जनता पर… बताइए ये चेहरा हैं मुख्यमंत्री के लायक? जो चेहरा हैं वह तो घर बैठी हुई हैं…। (भाजपा वाले) आरोप लगाएंगे कि (2020 के राजनीतिक संकट में) मेरी सरकार उन्होंने बचाई इसलिए मैं ऐसी बातें बोल रहा हूं। मेरी कोई सरकार नहीं बचाई वसुंधरा जी ने, कैलाश मेघवाल ने… उन्होंने अपना विचार दिया था कि हमारे यहां विधायकों की खरीद फरोख्त करके सरकार गिराने की परंपरा कभी नहीं रही और मैंने इसका स्वागत किया था।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘उनको (राजे को) तो इन्होंने पीछे कर रखा है बाकी चेहरों को आगे कर रखा है। आने वाले चुनाव में जनता इनको जवाब देगी और इतना मुझे यकीन है फिर हमारी सरकार बनेगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहेंगे कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) संजीवनी क्रेडिट सहकारी सोसायटी मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ जांच शुरू करने के राज्य सरकार के अनुरोध पर सहयोग नहीं कर रहा है।
अपने दोनों पैरों में लगी चोट को लेकर विपक्ष की बयानबाजी पर गहलोत ने कहा कि जैसे ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में व्हीलचेयर पर घूमीं और जीत गईं वैसे ही विपक्ष वालों को लगता है कि अशोक गहलोत कहीं व्हीलचेयर पर घूमते हुए चुनाव जीत नहीं जाए।
उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानबाजी भाजपा नेताओं की सोच का परिचायक है। विशेषकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘क्या ये मुख्यमंत्री के चेहरे के लायक हैं। चाहे भाजपा आलाकमान कितना भी जोर लगा ले लेकिन जनता कभी भी इनको मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं मान सकती, ये मैं दावा से कह सकता हूं।’’
उन्होंने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले को लेकर भी शेखावत पर निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि विशेष कार्य समूह एसओजी की रिपोर्ट के अनुसार, शेखावत और उनके परिवार के सदस्य इस मामले में आरोपी थे। गहलोत ने कहा कि घोटाले में शेखावत के खिलाफ जांच के राज्य के अनुरोध पर प्रवर्तन निदेशालय, राज्य के अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री को पत्र लिखने जा रहा हूं।’’
गहलोत ने हाल में मणिपुर की घटना पर बयान देते समय राजस्थान का जिक्र करने को लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि वे राजस्थान को बदनाम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अपराध हर राज्य में होते हैं और पूछा कि प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में हो रहे अपराधों पर क्यों नहीं बोलते हैं।
मुख्यमंत्री आवास पर एक कार्यक्रम के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी चाहे राजस्थान की कितनी भी आलोचना करें, प्रधानमंत्री मोदी जी की भाषा को देखते हुए मुझे लगता है कि वह घबरा गए हैं… मणिपुर से राजस्थान व छत्तीसगढ़ को जोड़ने का क्या तुक है बताइए…? आप हमारे प्रदेश को बदनाम कर रहे हो।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘बलात्कार, हत्या और अपराध हर राज्य में होते हैं लेकिन राजस्थान में तत्काल कार्रवाई की जाती है।’’ उन्होंने कहा कि मोदी को मणिपुर के साथ कम से कम राजस्थान का नाम तो नहीं लेना चाहिए था।
संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में दो महिलाओं से यौन उत्पीड़न की घटना पर कहा था, ‘‘घटना चाहे राजस्थान की हो, चाहे छत्तीसगढ़ की हो या फिर मणिपुर की… हिंदुस्तान के किसी भी कोने में किसी भी राज्य की सरकार को राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था को महत्व देना चाहिए और नारी के सम्मान की रक्षा करनी चाहिए।’’
भाषा पृथ्वी कुंज सुरभि
सुरभि

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