कांग्रेस के छह बागियों को टिकट देना भाजपा के लिए ‘विनाशकारी’ साबित होगा: मुख्यमंत्री सुक्खू

कांग्रेस के छह बागियों को टिकट देना भाजपा के लिए ‘विनाशकारी’ साबित होगा: मुख्यमंत्री सुक्खू

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  • Publish Date - May 15, 2024 / 07:59 PM IST,
    Updated On - May 15, 2024 / 07:59 PM IST

शिमला, 15 मई (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी सरकार के स्थिर होने का दावा करते हुए कहा है कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान करने वाले कांग्रेस के छह बागियों को टिकट देना विपक्षी दल के लिए ‘‘विनाशकारी’’ साबित होगा।

सुक्खू ने ‘पीटीआई’ वीडियो से बात करते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस के छह बागियों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद, 62 सदस्यीय विधानसभा में हमारे पास 34 सदस्य हैं जबकि भाजपा के पास 25 सदस्य हैं। अगर हम यह भी मान लें कि भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के सभी छह बागी जीत जाते हैं, तो भी सदन में भाजपा के 31 सदस्य होंगे, वे अभी भी बहुमत से दूर हैं।’’

उन्होंने दावा किया कि छह बागियों को न तो कांग्रेस कार्यकर्ता और न ही भाजपा कार्यकर्ता पसंद कर रहे हैं।

कांग्रेस के तत्कालीन छह विधायकों – राजिंदर राणा (सुजानपुर), सुधीर शर्मा (धर्मशाला), रवि ठाकुर (लाहौल एवं स्पीति), इंदर दत्त लखनपाल (बड़सर), चैतन्य शर्मा (गगरेट) और देविंदर कुमार भुट्टो (कुटलैहड़) ने 27 फरवरी को भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था।

इसके दो दिन बाद उन्हें विधानसभा में उपस्थित रहने और कटौती प्रस्तावों और बजट के दौरान सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। ये बागी विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें उनकी संबंधित विधानसभा सीट से उपचुनाव के लिए टिकट दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान करने वाले कांग्रेस के छह बागियों को टिकट देना पार्टी के लिए विनाशकारी साबित होगा क्योंकि भाजपा कार्यकर्ता इस फैसले से नाखुश हैं। वहीं, कांग्रेस कार्यकर्ता भी बागियों से नाराज हैं। भाजपा इन सभी छह विधानसभा सीटों पर हारेगी।’’

उन्होंने कहा कि राजनीति में समय और परिस्थिति के हिसाब से रणनीति बदलती है।

सुक्खू ने कहा कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के मुद्दे अलग-अलग होंगे लेकिन लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को पैसे के बल पर गिराने की कोशिश कर ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ का प्रयास निश्चित रूप से एक अहम चुनावी मुद्दा है।

भाजपा के परोक्ष संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि जो पार्टी चुनाव नहीं जीत सकी, वह धनबल का इस्तेमाल कर निर्वाचित सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है।

हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों और छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए एक जून को मतदान होंगे।

कांग्रेस और भाजपा नेताओं के एक-दूसरे के खिलाफ कथित अपमानजनक भाषणों का जिक्र करते हुए सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में चुनावों के दौरान कभी भी ऐसी टिप्पणियां नहीं देखी गईं और यह व्यवहार राज्य की संस्कृति के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि चुनाव राजनीतिक दलों के पिछले प्रदर्शन और उनके दृष्टिकोण जैसे मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए तथा राजनीतिक दलों को बेरोजगारी और महंगाई कम करने के उपायों पर बात करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा, लेकिन इन मुद्दों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

उन्होंने दावा किया कि भाजपा मतदाताओं का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटकाने के लिए धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होना चाहिए जैसे बयान दे रही है।

कांग्रेस में वंशवादी राजनीति से जुड़े आरोप का जवाब देते हुए सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का उदाहरण दिया और कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह जनता को तय करना है कि वे (भाजपा) वंशवाद की राजनीति के खिलाफ हैं या नहीं।’’

भाषा शफीक अविनाश

अविनाश