चुनाव प्रक्रिया पुन:अधिसूचित न करने का आदेश वापस लेने के अनुरोध के साथ सरकार पहुंची न्यायालय |

चुनाव प्रक्रिया पुन:अधिसूचित न करने का आदेश वापस लेने के अनुरोध के साथ सरकार पहुंची न्यायालय

चुनाव प्रक्रिया पुन:अधिसूचित न करने का आदेश वापस लेने के अनुरोध के साथ सरकार पहुंची न्यायालय

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : August 5, 2022/9:57 pm IST

नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में उन 367 स्थानीय निकायों की चुनाव प्रक्रिया को पुन:अधिसूचित न करने का आदेश वापस लेने के अनुरोध के साथ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है जहां चुनावी प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण ने शुक्रवार को कहा कि वह राज्य सरकार की याचिका की सुनवाई के लिए एक नयी पीठ का गठन करेंगे, क्योंकि इससे जुड़े मामले की पहले सुनवाई कर रही पीठ के सदस्य- न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हो रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्य सरकार न्यायालय के 28 जुलाई के आदेश को वापस लेने या उसे संशोधित करने का अनुरोध करती है।

मेहता ने अनुरोध किया कि शीर्ष अदालत महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्ग के आरक्षण के लिए समर्पित आयोग की सात जुलाई, 2022 की रिपोर्ट के परिप्रेक्ष्य में राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को 367 में से 96 स्थानीय निकायों (92 नगर निगमों एवं चार नगर पंचायतों) के चुनाव अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण के साथ कराने का निर्देश दे।

शीर्ष अदालत ने 28 जुलाई को आगाह किया था कि यदि एसईसी ने 367 स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए नये सिरे से अधिसूचना जारी की तो उसे अवमानना के मामले का सामना करना होगा।

पीठ ने कहा था, ‘‘तारीखें अधिसूचित कर दी गयी हैं। चुनाव कार्यक्रम शुरू हो गया है। हम इसमें रोकटोक नहीं करेंगे। हमने यह स्पष्ट कर दिया था।’’ न्यायालय ने आगे कहा था कि आयोग केवल तारीख बदल सकता है।

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि 367 स्थानीय निकायों के लिए आरक्षण नहीं होगा।

भाषा

सुरेश नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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