सर्वेक्षण के बाद सरकार अनुसूचित जातियों के लिए आंतरिक आरक्षण लागू करने के लिए प्रतिबद्ध: सिद्धरमैया

सर्वेक्षण के बाद सरकार अनुसूचित जातियों के लिए आंतरिक आरक्षण लागू करने के लिए प्रतिबद्ध: सिद्धरमैया

सर्वेक्षण के बाद सरकार अनुसूचित जातियों के लिए आंतरिक आरक्षण लागू करने के लिए प्रतिबद्ध: सिद्धरमैया
Modified Date: April 6, 2025 / 12:38 am IST
Published Date: April 6, 2025 12:38 am IST

बेंगलुरु, पांच अप्रैल (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार अनुसूचित जातियों (एससी) के बीच आंतरिक आरक्षण देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि इस मुद्दे पर किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति एच एन नागमोहन दास आयोग को सर्वेक्षण करने के लिए दो महीने का समय दिया गया है, जिसके बाद यह सुनिश्चित करके आंतरिक आरक्षण लागू किया जाएगा कि किसी के साथ कोई अन्याय न हो।

 ⁠

डॉ. बाबू जगजीवन राम की 118वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आंतरिक आरक्षण के बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। हम इसे लागू करेंगे। भले ही आप मना करें, हम इसे लागू करेंगे। हम निश्चित रूप से उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे।’’

सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति नागमोहन दास ने दो महीने का समय मांगा है। हमने वक्त दे दिया है। यह सुनिश्चित करके इसे लागू करेंगे कि किसी के साथ कोई अन्याय न हो।’’

न्यायमूर्ति नागमोहन दास आयोग द्वारा अंतरिम रिपोर्ट को स्वीकार करने के बाद 27 मार्च को कर्नाटक कैबिनेट ने राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) के सर्वेक्षण को मंजूरी दी। सर्वेक्षण अनुसूचित जाति के बीच आंतरिक आरक्षण के कार्यान्वयन को निर्धारित करने में मदद करेगा।

भाषा

संतोष नोमान

नोमान


लेखक के बारे में