बैंक खातों से ‘गायब’ हुए 90 हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों के पैसे, वित्त विभाग ने दिए जांच के आदेश

बैंक खाते से 'गायब' हुए 90 हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों के पैसेः Govt employees money missing from bank account in Andhra Pradesh

बैंक खातों से ‘गायब’ हुए 90 हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों के पैसे, वित्त विभाग ने दिए जांच के आदेश

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:46 pm IST
Published Date: June 29, 2022 10:46 pm IST

अमरावती : Govt employees money missing  आंध्र प्रदेश सरकार के 90,000 से अधिक कर्मचारियों के बैंक खातों से सैकड़ों करोड़ रुपये कथित तौर पर ‘गायब’ हो गए और आरोप हैं कि पैसे सरकार ने वापस ले लिए हैं। हालांकि विशेष मुख्य सचिव (वित्त) ने इस आरोप से इनकार किया है। आरोप है कि राशि कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खातों में जमा होने के बाद ‘अवैध रूप से निकाली गई।’’

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Govt employees money missing  सरकारी कर्मचारी संघों ने बुधवार को यहां राज्य वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ मामला उठाया, लेकिन बात स्पष्ट नहीं हो पायी। संघों ने ‘अवैध निकासी’ को न केवल असंवैधानिक बल्कि आपराधिक भी करार दिया है। आंध्र प्रदेश संयुक्त कार्य समिति और आंध्र प्रदेश संयुक्त कार्य समिति अमरावती के नेताओं ने आज यहां विशेष मुख्य सचिव (वित्त) एस एस रावत से मुलाकात की और स्पष्टीकरण मांगा।

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आंध्र प्रदेश अराजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष बंदी श्रीनिवास राव ने रावत से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘विशेष मुख्य सचिव का दावा है कि सरकार ने पैसे नहीं निकाले। उनका कहना है कि तकनीकी त्रुटि के कारण ऐसा हो सकता है और उन्होंने इसकी जांच करने का वादा किया है।’’ यह मामला उच्च न्यायालय में उठा, जिसने सरकार को दो सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

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आंध्र प्रदेश सरकार कर्मचारी संघ के अध्यक्ष के आर सूर्यनारायण के अनुसार, कर्मचारी संघों ने इस मुद्दे पर प्रधान महालेखाकार को भी अर्जी दी क्योंकि वह जीपीएफ खातों के संरक्षक हैं। सूर्यनारायण, जिनके व्यक्तिगत खाते से ही 83,000 रुपये की राशि गायब हो गई, ने सवाल उठाया कि ‘सरकार बिना सहमति के किसी के खाते से पैसे कैसे निकाल सकती है।’’


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।