हरित अधिकरण ने प्रदूषण बोर्ड से राजमार्गों के किनारे बने रेस्तरां-ढाबों के लिए संचालन प्रक्रिया तैयार करने को कहा

हरित अधिकरण ने प्रदूषण बोर्ड से राजमार्गों के किनारे बने रेस्तरां-ढाबों के लिए संचालन प्रक्रिया तैयार करने को कहा

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  • Publish Date - September 14, 2020 / 11:13 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:47 PM IST

नयी दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सोमवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दो महीने के भीतर राजमार्गों के किनारे स्थित रेस्तरां और ढाबों के लिए उचित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने का निर्देश दिया ।

अधिकरण ने कहा कि मौजूदा नीति में स्वीकार किया गया है कि रेस्तरां और ढाबों के संचालन से पर्यावरण संबंध गंभी मुद्दे जुड़े हुए हैं, जैसे उनसे निकलने वाले कचरा और उसके निस्तारण तथा भूजल दोहन ।

अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘प्रदूषण बोर्ड पहले से तैयार दिशा-निर्देश के साथ ही एक उचित एसओपी तैयार करे, जिसमें सारे पहलुओं को शामिल किया जाए।’’

पीठ ने कहा, ‘‘अगर प्रदूषण बोर्ड द्वारा पहले से तैयार किए गए दिशा-निर्देश में बदलाव की जरूरत नहीं है तो उसे जारी रखा जा सकता है। सीपीसीबी इस संबंध में दो महीने के भीतर फैसला करे।’’

पीठ हरियाणा निवासी अभय दाहिया और अन्य द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी । याचिका में सोनीपत जिले के मुरथल में जीटी रोड के किनारे स्थित रेस्तरां-ढाबों से निकलने वाले कचरा के अवैध तरीके से निस्तारण, कचरा को जलाने और अनुपचारित जल को बहाने के मुद्दे को उठाया गया।

हरित अधिकरण ने हरियाणा सरकार को भी एसओपी के हिसाब से एक महीने के भीतर अपनी कार्य योजना तैयार करने को कहा । उसने राज्य सरकार को निर्देश किया क वह इस बात का ध्यान रखे कि उसके नियम किसी भी रूप में मानक संचालन प्रक्रिया को सरल ना बनाएं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सोमवार को अधिकरण को बताया कि हरियाणा के मुरथल स्थित रेस्तरां-ढाबों का संचालन राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मंजूरी के बिना हो रहा है और बिना इजाजत के भूजल निकाला जा रहा है ।

भाषा आशीष अर्पणा

अर्पणा