‘घृणास्पद भाषण’ विधेयक: कर्नाटक भाजपा प्रमुख ने सरकार के इस कदम को ‘लोकतंत्र विरोधी’ बताया

'घृणास्पद भाषण' विधेयक: कर्नाटक भाजपा प्रमुख ने सरकार के इस कदम को 'लोकतंत्र विरोधी' बताया

‘घृणास्पद भाषण’ विधेयक: कर्नाटक भाजपा प्रमुख ने सरकार के इस कदम को ‘लोकतंत्र विरोधी’ बताया
Modified Date: December 23, 2025 / 10:10 pm IST
Published Date: December 23, 2025 10:10 pm IST

शिवमोगा (कर्नाटक), 23 दिसंबर (भाषा) ‘घृणास्पद भाषण’ विधेयक को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने मंगलवार को कर्नाटक में कांग्रेस सरकार पर ‘लोकतंत्र और संविधान विरोधी’ कदम उठाने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल अगले सप्ताह राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात करेगा और इस मामले में उनके हस्तक्षेप की मांग करेगा।

कर्नाटक नफरती भाषण और घृणा अपराध (रोकथाम) विधेयक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (एस) के कड़े विरोध के बावजूद, बेलगावी में 19 दिसंबर को समाप्त हुए शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा पारित कर दिया गया। अब इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, ताकि यह विधेयक कानून बन सके।

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विजयेंद्र ने कहा, ‘1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था और अंधकार में धकेल दिया था। लोग इसे भूले नहीं हैं। कांग्रेस सरकार इस विधेयक के माध्यम से राज्य में वैसी ही स्थिति पैदा कर रही है।’

उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र शिकारिपुरा में विधेयक के विरोध में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘इस विधेयक के माध्यम से कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र विरोधी और संविधान विरोधी कदम उठाया है।’

प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा कि पार्टी राज्य भर में ‘असंवैधानिक और भ्रष्ट’ कांग्रेस सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है।

विजयेंद्र ने कहा, ‘सिद्धरमैया सरकार विधान सौध परिसर में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाले गद्दारों के खिलाफ कुछ भी नहीं कर सकी।’

उन्होंने दावा किया, ‘इस कांग्रेस सरकार के तहत कर्नाटक में भारत माता की जय कहने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। यह हिंदू कार्यकर्ताओं की आवाज को दबाने का काम कर रही है। हिंदुओं का अपमान किया जा रहा है।’

इस विधेयक में घृणा अपराध के लिए एक वर्ष की कैद की सजा का प्रस्ताव है, जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, साथ ही 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा। बार-बार अपराध करने पर अधिकतम सात वर्ष की कैद और एक लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है।

भाषा

नोमान पवनेश

पवनेश


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