भारत के एनजीओ को कोष देने के लिए हैवलेट फाउंडेशन को पूर्व मंजूरी की जरूरत होगी: अधिकारी

भारत के एनजीओ को कोष देने के लिए हैवलेट फाउंडेशन को पूर्व मंजूरी की जरूरत होगी: अधिकारी

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  • Publish Date - March 20, 2022 / 08:20 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:57 PM IST

नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) शीर्ष अमेरिकी परोपकारी संगठनों में से एक हैवलेट फाउंडेशन को चंदा देने वालों द्वारा कानून के कथित उल्लंघन के बाद गृह मंत्रालय ने सरकार की पूर्व मंजूरी के बिना किसी भी भारतीय एनजीओ को धन दान करने से रोक दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अमेरिकी संगठन ने 2020 में भारत सहित विश्व स्तर पर कई गैर सरकारी संगठनों को 46.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक का दान दिया। हैवलेट फाउंडेशन शिक्षा, पर्यावरण, लैंगिक समानता और शासन के विविध क्षेत्रों में काम करने वाले संगठनों को धन मुहैया कराता है।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी संगठन को विदेशी अंशदान नियमन कानून, 2010 (एफसीआरए) के तहत ‘पूर्व संदर्भ श्रेणी (पीआरसी)’ में रखा गया है।

पीआरसी के अंतर्गत या केंद्रीय गृह मंत्रालय की निगरानी सूची में रखने का मतलब है कि विदेशी दाता सरकार की पूर्व स्वीकृति के बिना भारत में किसी भी एनजीओ को कोई कोष नहीं भेज पाएगा।

फाउंडेशन की स्थापना 1966 में इंजीनियर और उद्यमी विलियम आर. हैवलेट और उनकी पत्नी फ्लोरा लैमसन हैवलेट ने अपने सबसे बड़े बेटे वाल्टर हैवलेट के साथ की थी। विलियम आर. हैवलेट प्रौद्योगिकी कंपनी हैवलेट-पैकर्ड (एचपी) के सह-संस्थापक थे।

नए नियमों के तहत, सभी एफसीआरए पंजीकृत गैर सरकारी संगठनों को नयी दिल्ली में भारतीय स्टेट बैंक की संसद मार्ग शाखा में एक खाता बनाए रखना होगा। किसी एनजीओ को जब पीआरसी के तहत रखा जाता है तो बैंक को संबंधित खाते में रकम जमा होने से पहले विदेश से कोई कोष भेजे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को सूचित करना होगा।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय अंतिम निर्णय लेता है कि विदेशी कोष को संबंधित भारतीय एनजीओ के खाते में जमा करने की अनुमति दी जाएगी या नहीं। नवंबर 2021 से हैवलेट फाउंडेशन के खिलाफ निषेधात्मक कार्रवाई की गई है।

सरकार ने पिछले पांच वर्षों में कानून के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए लगभग 1,900 गैर सरकारी संगठनों का एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिया है।

भाषा आशीष नरेश

नरेश