नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए)के तहत ‘रिपोर्टिंग संस्था’ के दायरे में चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए), कंपनी सेक्रेटरी, कॉस्ट अकाउंटेंट को शामिल करने और कानूनी प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में उनकी आपराधिक जवाबदेही तय करने को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
पेशे से सीए रजत मोहन की याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरुला की खंडपीठ करेगी।
याचिका में कहा गया कि पीएमएलए के तहत ‘रिपोर्टिंग संस्थाओं’ की परिभाषा के तहत सीए और अन्य पेशेवरों को शामिल करके गैर-अनुपालन के नतीजों के साथ उन पर ‘कठिन दायित्व’ थोप दिये गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनपर आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि यह वस्तुतः ऐसे पेशेवरों को अपने स्वयं के उन ग्राहकों की निगरानी (पुलसिंग) करने में संलिप्त करता है, जिनके साथ वे आपसी विश्वास के संबंध के तहत बातचीत करते हैं।
भाषा संतोष नरेश दिलीप
दिलीप
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