बंगाल विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा विधायकों के बीच तीखी बहस के कारण हंगामा
बंगाल विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा विधायकों के बीच तीखी बहस के कारण हंगामा
कोलकाता, चार सितंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा में बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद जबर्दस्त हंगामा हुआ।
दोनों दलों के विधायकों ने नारेबाजी की और बंगाली प्रवासियों के खिलाफ कथित अत्याचारों के संबंध में एक सरकारी प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन की कार्यवाही बाधित की। इसके बाद भाजपा के पांच विधायकों को निलंबित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रस्ताव पर बोलने ही वाली थीं कि हंगामा शुरू हो गया। भाजपा विधायकों ने दो सितंबर को विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के निलंबन पर सवाल उठाते हुए नारे लगाए जिस पर सत्ता पक्ष की ओर से तीखी प्रतिक्रिया हुई।
इससे टकराव बढ़ गया, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने नारेबाजी का विरोध किया, जिससे विधानसभा की कार्यवाही में कई बार व्यवधान उत्पन्न हुआ।
हंगामा जारी रहने पर विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने अव्यवस्था फैलाने के आरोप में भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष को शेष दिन के लिए विधानसभा की कार्यवाही से निलंबित कर दिया।
घोष के सदन से जाने से इनकार करने पर विधानसभा के मार्शलों को बुलाया गया और उन्हें सदन से घसीटकर बाहर निकाला गया, जिसका विपक्षी सदस्यों ने कड़ा विरोध किया।
बाद में हंगामा बढ़ने पर भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल, मिहिर गोस्वामी, बंकिम घोष और अशोक डिंडा को निलंबित कर दिया गया।
सदन में दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस होने से माहौल गरमा गया। दोनों समूहों के बीच किसी भी तरह की हाथापाई को रोकने के लिए मार्शल मौजूद रहे।
हताश ममता बनर्जी ने सवाल किया, ‘‘ भाजपा मुझे सदन में बोलने क्यों नहीं दे रही है? ’’
एक समय तो तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक भाजपा की बेंचों की ओर बढ़ते देखे गए, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया।
हंगामे के बावजूद अध्यक्ष बनर्जी ने सदन की कार्यवाही स्थगित नहीं की तथा निर्धारित कार्यवाही जारी रखने पर अडिग रहे।
भाजपा विधायकों ने यह भी आरोप लगाया कि हंगामे के दौरान सत्ता पक्ष की ओर से उन पर पानी की बोतलें फेंकी गईं।
मुख्यमंत्री ने भाजपा विधायकों पर बंगाली प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा पर गंभीर चर्चा को जानबूझकर विफल करने का आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा नहीं चाहती कि सच्चाई सामने आए। असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए वे सदन की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री का भाषण समाप्त होने के बाद भाजपा विधायक दल ने विधानसभा से बहिर्गमन किया।
प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया, तथा भाजपा सदस्य मतदान से पहले ही सदन से बाहर चले गए।
भाषा रवि कांत रवि कांत नरेश
नरेश

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