विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट खुले, बर्फीले रास्ते को पार कर पहुंचे हजारों श्रद्धालु

विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट खुले, बर्फीले रास्ते को पार कर पहुंचे हजारों श्रद्धालु

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  • Publish Date - June 1, 2019 / 11:41 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:00 PM IST

उत्तराखंड। हिमालय की गोद में उच्च गढ़वाल में स्थित सिखों की विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट शनिवार से खुल गए। 1 जून को सुबह नौ बजे श्रद्धालुओं का पहला जत्था हेमकुंड साहिब पहुंचा। पहले जत्थे में करीब आठ हजार तीर्थयात्री शामिल हैं। गुरुग्रंथ साहिब को पंच प्यारों की अगुवाई में सच्च खण्ड से दरवार हॉल में लाया गया, जहां पहली अरदास के साथ सुखमनी साहिब के पाठ तथा शब्द कीर्तन किए गए।

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हेमकुंड साहिब यात्रा की शुरुआत गोविंदघाट से होती है जो अलखनंदा नदी के किनारे समुद्र तल से 1 हजार 828 मीटर की ऊंचाई पर है। गोविंदघाट तक तो सड़कें बनी हुईं हैं । यहां तक गाड़ियां आराम से जाती हैं लेकिन इसके ऊपर यानी गोविंदघाट से घांघरिया तक 13 किलोमीटर की चढ़ाई है जो बेहद दुरुह है, यहां एकदम खड़ी चढ़ाई है। इसके आगे का 6 किलोमीटर का सफर और भी ज्यादा मुश्किलों से भरा है।

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रास्ते में करना होता है ट्रेकिंग
झूलते हुए ब्रिज के जरिए अलखनंदा नदी को पारकर गोविंदघाट पहुंचा जाता है। इसके सीधी चढ़ाई शुरु हो जाती है, जो नीचे जाती हुई घाटी से होकर जाता है जिसमें खेत भी हैं और कई पेड़-पौधे भी। 3 किलोमीटर बाद लक्ष्मण गंगा मिलती है जो आगे चलकर अलखनंदा में मिलती है। आगे एक छोटा सा गांव आता है पुलना। इसके बाद की चढ़ाई और भी ज्यादा मुश्किल हो जाती है । इस रास्ते में खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं।

खूबसूरत नजारों से भरा है पूरा रास्ता
पुलना से भयंदर गांव के बीच का 7 किलोमीटर का रास्ता प्राकृतिक खूबसूरती से लबरेज है। इस रास्ते में कई झरने भी देखने को मिलते हैं। 2 किलोमीटर आगे जाकर घांघरिया बेस कैंप आता है जहां से आगे वैली ऑफ फ्लावर्स और हेमकुंड साहिब का रास्ता निकलता है। घांघरिया से हेमकुंड साहिब की दूरी वैसे तो सिर्फ 6 किलोमीटर है लेकिन यहां से पहाड़ की चढ़ाई और भी ज्यादा मुश्किल हो जाती है और इसे पार करने में ही सबसे ज्यादा समय लगता है।

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हेमकुंड साहिब पहुंच मार्ग

हवाई मार्ग- देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट नजदीकी एयरपोर्ट है। गोविंदघाट से जॉली ग्रांट की दूरी 292 किलोमीटर है। यहां से गोविंदघाट तक टैक्सी या बस के जरिए पहुंच सकते हैं। गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 19 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है।

रेल मार्ग- हेमकुंड साहिब का नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है जो गोविंदघाट से 273 किलोमीटर दूर है। ऋषिकेश से टैक्सी या बस के जरिए श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, चमोली और जोशीमठ होते हुए गोविंदघाट पहुंच सकते हैं।