उच्च न्यायालय ने गोवा के 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका खारिज करने का विधानसभाध्यक्ष का फैसला कायम रखा

उच्च न्यायालय ने गोवा के 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका खारिज करने का विधानसभाध्यक्ष का फैसला कायम रखा

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  • Publish Date - February 24, 2022 / 03:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

पणजी, 24 फरवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ ने बृहस्पतिवार को विधानसभा अध्यक्ष के उस आदेश को कायम रखा जिसमें उन्होंने 2019 में अपनी-अपनी पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने वाले 12 विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने की मांग वाली दो याचिकाएं खारिज कर दी थीं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने उन 10 पार्टी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की थी, जो जुलाई 2019 में भाजपा में शामिल हो गए थे।

महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के विधायक सुदीन धवलिकार ने भी अपने दो विधायकों के खिलाफ ऐसी ही याचिका दायर की थी, जो इस क्षेत्रीय दल से अलग होकर भाजपा में शामिल हो गए थे।

गोवा विधानसभा के अध्यक्ष राजेश पाटनेकर ने पिछले साल 20 अप्रैल को चोडनकर और धवलिकार की संबंधित याचिकाएं खारिज कर दी थीं।

बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति मनीष पिताले और न्यायमूर्ति आरएन लड्ढा की पीठ ने कहा कि दोनों याचिकाएं खारिज की जाती हैं। पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता अध्यक्ष के आदेश में दखल के लिए मामला नहीं बना पाये।’’

न्यायालय ने कहा, ‘‘ हम पाते हैं कि याचिकाकर्ताओं की याचिकाएं अध्यक्ष द्वारा सही तरीके से खारिज कर दी गयीं।

उसने यह भी कहा कि अयोग्य ठहराने की मांग संबंधी याचिकाओं को खारिज करने के अध्यक्ष के आदेश के बारे में ‘यह नहीं कहा जा सकता कि राजनीतिक और संवैधानिक नैतिकता के आधार पर संविधान की दसवीं अनुसूची लाने के उद्देश्य के विरुद्ध है। ’

चोडनकर ने अध्यक्ष को दी गयी याचिका में दलील दी थी कि सभी दस विधायक ‘‘अपनी मूल पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्यता नहीं रखने के पात्र हैं , इसलिए संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत वे (विधानसभा की) सदस्यता रखने के योग्य नहीं हैं।’

एमजीपी ने इसी आधार पर याचिका दार की थी।

वर्ष 2017 में गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस 17 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी और भाजपा 13 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर आयी थी। भाजपा ने आनन-फानन में कुछ क्षेत्रीय दलों एवं निर्दलीय विधायकों के साथ गठजोड़ कर सरकार बना ली।

पिछले पांच सालों में कांग्रेस के कई विधायक पार्टी से चले गये और सदन में उसके विधायक महज दो रह गये।

गोवा विधानसभा के लिए इस साल 14 फरवरी को चुनाव हुए हैं और मतगणनना 10 मार्च को होगी।

भाषा राजकुमार अनूप

अनूप