केदारनाथ स्वर्णमंडन में घोटाले के आरोपों की जांच उच्च स्तरीय समिति करेगी

केदारनाथ स्वर्णमंडन में घोटाले के आरोपों की जांच उच्च स्तरीय समिति करेगी

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  • Publish Date - June 23, 2023 / 08:56 PM IST,
    Updated On - June 23, 2023 / 08:56 PM IST

देहरादून, 23 जून (भाषा) केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने में सवा अरब रुपये के कथित घोटाले के आरोपों की जांच के लिए उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का निर्णय लिया।

प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में सचिव धर्मस्व हरिचंद्र सेमवाल को गढ़वाल आयुक्त की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर मामले की तह तक पहुंचने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने जांच समिति में तकनीकी विशेषज्ञों के साथ-साथ सुनारों को भी शामिल करने को कहा है। महाराज ने कहा कि समिति की जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।

धार्मिक आस्था से जुड़े इस मामले पर प्रदेश सरकार को ‘बेहद संवेदनशील’ बताते हुए मंत्री ने कहा कि इस प्रकार के मामलों को विवादों में नहीं डाला जाना चाहिए।

उन्होंने स्पष्ट किया कि श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानदाता से दान स्वीकारा गया और केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्णमंडित करने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति ली गई।

महाराज ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखदेख में ही गर्भ गृह के स्वर्णमंडन का कार्य किया गया।

उन्होंने कहा कि सोना खरीदने से लेकर गर्भ गृह की दीवारों पर उसे जड़ने तक का सम्पूर्ण कार्य दानी द्वारा स्वयं कराया गया और मंदिर समिति की इसमें कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी।

कार्य पूरा होने के बाद उसके आधिकारिक बिल और अन्य कागजात भी दान दाता ने मंदिर समिति को दे दिए।

मंत्री ने कहा कि सच्चाई का पता लगाया जाएगा और जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

उन्होंने विपक्षी दलों पर आस्था से जुड़े इस मामले को ‘अनावश्यक’ तूल देकर चारधाम यात्रा में खलल डालने की कुचेष्टा करने का भी आरोप लगाया और कहा कि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना इन राजनीतिक दलों को रास नहीं आ रहा है ।

इससे पहले, समिति ने एक बयान जारी कर कहा था कि मंदिर के गर्भगृह में 23,777.800 ग्राम सोना लगाया गया जिसका वर्तमान मूल्य करीब 14.38 करोड़ रुपये है जबकि स्वर्णमंडित कार्य हेतु प्रयुक्त तांबे की प्लेटों का कुल वजन 1001.300 किलोग्राम है जिसका कुल मूल्य 29 लाख रुपये है।

समिति ने इस बात का खंडन किया कि केदारनाथ गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने में एक अरब 15 करोड़ रुपये का खर्च आया जैसा कि प्रचारित किया जा रहा है।

पिछले दिनों केदारनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित और चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत की जगह पीतल चढ़ायी गयी है और इसमें करीब सवा अरब रुपये का घोटाला हुआ है ।

मामले में जांच की मांग करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि जब मंदिर के गर्भगृह का स्वर्णमंडन किया गया था, तो 230 किलोग्राम सोना लगाए जाने की बात कही गयी थी लेकिन अब मंदिर समिति केवल 23 किलोग्राम सोना लगे होने बात कह रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा आस्था के मामलों में भी घोटाला करने से बाज नहीं आ रही है। हम इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं।’’

समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की जरूरत बता चुके हैं।

यादव ने कहा था कि मंदिर में सोने की जगह पीतल की परतों को लगाने का आरोप आपराधिक कृत्य होने के साथ-साथ आस्था से खिलवाड़ का भी है और इस साजिश से झूठ की परतें उतारी जानी चाहिए।

भाषा दीप्ति दीप्ति संतोष

संतोष