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गृहमंत्री अमित शाह ने इन 8 राज्यों के लिए 5,751.27 करोड़ रुपए के अतिरिक्त राहत कोष को दी मंजूरी
गृहमंत्री अमित शाह ने इन 8 राज्यों के लिए 5,751.27 करोड़ रुपए के अतिरिक्त राहत कोष को दी मंजूरी
Publish Date - March 28, 2020 / 09:15 AM IST,
Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST
नई दिल्ली: कोविड 19 के खिलाफ भारत सहित दुनिया के कई देशों में जंग जारी है। हालात को देखते हुए पीएम मोदी ने पूरे देश में 14 अप्रैल तक लॉक डाउन करने का फैसला लिया है। इसी बीच गृह मंत्री अमित शाह ने 5,751.27 करोड़ रुपए के अतिरिक्त राहत कोष को मंजूरी दी है। बता दें कि यह फंड उन 8 राज्यों के लिए है जो साल 2019 में बाढ़, भूस्खलन, चक्रवात और सूखा जैसी स्थिति थी। गृह मंत्री शाह ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत इस फंड को पास किया है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने लॉक डाउन के दौरान लोगों को किसी प्रकार की समस्या न हो इसलिए 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया था।
Home Minister Amit Shah has approved Rs 5,751.27 crore of additional central assistance under National Disaster Response Fund to eight states which were affected by floods/ landslides/cyclone/drought during 2019: Home Minister’s Office (File photo) pic.twitter.com/7yWanLeIoq
प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत 5 किलो अतिरिक्त गेहूं या चावल अगले तीन महीने तक मिलेगा। इसका फायदा 80 करोड़ लाभार्थी को मिलेगा। इसके अतिरिक्त गरीबों के लिए 1 किलो दाल का प्रावधान किया गया है।
देश के किसानों को परेशानी न हो इसके लिए, पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों के खातों में 2000 रुपये की किस्त अप्रैल के पहले हफ्ते में डाल दी जाएगी। इसके करीब 8.70 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।
मनरेगा के माध्यम से जो लोग अपने परिवार को भरण पोषण करते हैं, उनकी मजदूरी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दी है। इससे करीब 5 करोड़ लोगों को लाभ होगा और करीब 2000 रुपये की उनकी आय में वृद्धि होगी।
बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों के लिए 1000 रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे। अगले 3 महीने तक दो किस्त में दिया जाएगा। इस वर्ग के लोगों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किया जाएगा। इस पहल का फायदा लगभग 3 करोड़ लोगों को होगा।
उज्ज्वला योजना के तहत जिन महिलाओं को गैस कनेक्शन मिला है, उन्हें अगले तीन महीने तक मुफ्त गैस सिलेंडर दिए जाएंगे। इससे करीब 8 करोड़ महिलाओं को लाभ होगा।
जो 63 लाख स्वयं सहायता समूह इस देश में काम कर रहे हैं, उन्हें राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत जो 10 लाख रुपए का लोन मिलता था उसे बढ़ाकर 20 लाख रुपए किया जा रहा है। ताकि वो ज्यादा काम कर सकें।
संगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए और जो नौकरी करने वाले या देने वाले हैं, और वो संस्थान जहां 100 से कम कर्मचारी हैं और जहां 15 हजार से कम सैलरी पाने वाले 90% कर्मचारी हैं। उसमें ईपीएफ के हिस्से का नौकरी देने वाले का 12% और नौकरी करने वाला का भी 12% सरकार देगी।
निर्माण श्रमिकों के लिए भवन व अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण फंड होता है। इसमें करीब 3.5 करोड़ पंजीकृत श्रमिक हैं और इसमें करीब 31,000 करोड़ रुपए का फंड उपलब्ध है, राज्य सरकारों को निर्देश दिये गए हैं कि श्रमिकों के कल्याण में इस फंड का उपयोग करें।