केरल में विमान दुर्घटना के बाद बचाव अभियान चलाने वालों के लिए बनाई जाएगी अस्पताल की इमारत

केरल में विमान दुर्घटना के बाद बचाव अभियान चलाने वालों के लिए बनाई जाएगी अस्पताल की इमारत

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  • Publish Date - August 9, 2022 / 10:55 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:55 PM IST

कोझिकोड़ (केरल), नौ अगस्त (भाषा) केरल के करीपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दो साल पहले हुई एअर इंडिया एक्सप्रेस विमान दुर्घटना में बचे लोगों और जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिवारों ने उन स्थानीय लोगों के लिए अस्पताल की इमारत बनाने के मकसद से 50 लाख रुपये जमा किए हैं, जिन्होंने घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव अभियान चलाया था।

इमारत का निर्माण एक सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के लिए किया जाएगा, जो दुर्घटनास्थल के पास एकमात्र सरकारी स्वास्थ्य सुविधा है।

उन्होंने पीएचसी की इमारत के निर्माण के लिए, हादसे के बाद खुद को मिले मुआवजे में से यह धनराशि एकत्रित की है। इमारत के निर्माण का मकसद घटना वाली रात साहसिक बचाव अभियान चलाने वालों के प्रति आभार व्यक्त करना है।

मालाबार डेवलपमेंट फोरम (एमडीएफ) के तहत गठित एक कार्यबल ने दुर्घटना की दूसरी बरसी पर 7 अगस्त को पीएचसी के लिए भवन के निर्माण को लेकर जिला चिकित्सा अधिकारी (डीएमओ) के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इस अस्पताल में एक भर्ती रोगी वार्ड, एक दवाखाना और एक प्रयोगशाला होगी।

एमडीएफ के अध्यक्ष अब्दुरहिमन एडक्कुनी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कार्यबल में जीवित बचे लोग और 184 यात्रियों के परिवार के सदस्य शामिल हैं। उन्होंने अस्पताल भवन के निर्माण के लिए 50 लाख रुपये का योगदान दिया है।

उन्होंने कहा, ‘दुर्घटना वाली रात, निकटतम अस्पताल लगभग आठ किलोमीटर दूर था। दुर्घटना स्थल से सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर एक पीएचसी है, लेकिन वहां सुविधाओं की कमी है। इसलिए फोरम ने बचाव अभियान चलाने वाले स्थानीय लोगों के लिए अस्पताल बनाने का फैसला किया है, जिन्होंने उस भयावह रात को कई लोगों की जान बचाई। यह, यात्रियों की मदद के लिए आगे आए स्थानीय लोगों के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है।”

एडक्कुनी ने कहा, ‘स्वास्थ्य विभाग की मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।’

गौरतलब है कि 7 अगस्त, 2020 को दुबई से आया एआईए विमान यहां टेबलटॉप रनवे से आगे जा कर कर 35 फुट गहरी घाटी में गिर गया था। विमान में 190 यात्री सवार थे, जिनमें से पायलट और सह-पायलट समेत 18 की मौत हो गई थी।

भाषा जोहेब मनीषा

मनीषा