दरक रहे घर धस रही जमीन : खतरे में आदिगुरु शंकराचार्य की तपस्थली, क्या फिर त्रासदी झेलेगा उत्तराखंड?

Joshimath land is sinking : उत्तराखंड में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल और आदिगुरु शंकराचार्य की तपस्थली जोशीमठ शहर के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।

दरक रहे घर धस रही जमीन : खतरे में आदिगुरु शंकराचार्य की तपस्थली, क्या फिर त्रासदी झेलेगा उत्तराखंड?

Landslide in Joshimath

Modified Date: January 5, 2023 / 09:52 am IST
Published Date: January 5, 2023 9:52 am IST

चमोली: Joshimath land is sinking : उत्तराखंड में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल और आदिगुरु शंकराचार्य की तपस्थली जोशीमठ शहर के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। जोशीमठ के करीब 500 घरों में भूस्खलन की वजह से दरारें आ गई हैं। साथ ही कई जगहों पर सड़कों में भी दरार आ गई है और बिजली के खंभे भी टेढ़े हो गए हैं। हालात इस कदर संवेदनशील हैं कि लोग घरों के बाहर ही रात गुजारने को मजबूर हैं। हर वक्त किसी अनहोनी की आशंका सता रही हैं। त्रासदी झेल रहे स्थानीय नागरिक सरकार के रवैये से भी नाराज हैं।

यह भी पढ़ें : इस कंपनी में होगी अब-तक की सबसे बड़ी छंटनी, एक साथ 18 हजार कर्मचारियों की होगी छुट्टी 

बाहर रात गुजार रहे 500 घरों के लोग

Joshimath land is sinking : लोग हाथों में मशालें लेकर सड़कों पर हैं और सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं। हिंदुओं का पवित्र धार्मिक स्थल जोशीमठ धीरे-धीरे धंस रहा है। घरों के अंदर दीवारों पर बड़े बड़े क्रैक आ गए हैं, रास्ते टूट गए हैं। इन्हीं रास्तों के बीच से नाले निकल रहे हैं। उन जगहों से पानी निकल रहा है, जहां वर्षों से लोगों ने पानी नहीं देखा था। शहर के 500 से ज्यादा घर जमीन धंसने की वजह से प्रभावित हो गए हैं। लोगों के अंदर इस कदर डर बैठ गया है कि माइनस तापमान में भी पूरी रात घरों के बाहर गुजार रहे हैं। हर वक्त अनहोनी का डर लगा हुआ है।

 ⁠

यह भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में ठंड ने मचाई तबाही, 5 से 7 जनवरी तक बंद रहेंगे स्कूल… 

धार्मिक और आर्थिक गतिविधियों का सबसे बड़ा केन्द्र है जोशीमठ

Joshimath land is sinking : भारत-चीन LAC से लगते चमोली ज़िले में बसा ये शहर सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसी जगह से बद्रीनाथ, माणा, फूलों की घाटी और हेमकुंड के लिए रास्ता जाता है। इसी वजह से ये धार्मिक और आर्थिक गतिविधियों का सबसे बड़ा केन्द्र है। इसके पास ही प्रसिद्ध पर्यटक स्थल औली भी है जहां हर साल गर्मियों और सर्दियों में लाखों टूरिस्ट आते हैं। लेकिन अब ये शहर अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहा है। 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की जनसंख्या करीब 4 लाख 55 हजार थी, जो बढ़कर अब दोगुनी हो गई है। अब जमीन धंसने की वजह से कई गांव ऐसे हैं जिनमें रह पाना बेहद मुश्किल हो गया है।

यह भी पढ़ें : Madhya Pradesh Panchayat By Election : 63 हजार 500 पंच-सरपंच पद के लिए मतदान शुरू, इस दिन आएगा परिणाम… 

खतरनाक होते जा रहे हैं हालात

Joshimath land is sinking : ज़मीन धंसने की शुरुआत होने के बाद IIT रुड़की और वाडिया इंस्टिट्यूट के साइंटिस्ट इसकी लगातार जांच में जुटे हैं। राज्य और केन्द्र सरकार को इसकी रिपोर्ट भेजी जा रही है। हालात हर गुजरते दिन के साथ खतरनाक होते जा रहे हैं। स्थानीय लोग सरकार के रवैये से नाराज़ हैं यही वजह है कि रात को मशाल जुलूस निकाले जा रहे हैं तो दिन में शहर में चक्का जाम किया जा रहा है। घरों और रास्तों की हालत बता रही है कि खतरा बहुत ज्यादा है इसलिए एक्शन भी तेजी से लेना होगा।

यह भी पढ़ें : राजधानी में अगले 72 घंटे में पड़ेगी कड़ाके की ठंड, शीतलहर की चपेट में आए ये राज्य, IMD ने जारी किया रेड अलर्ट 

जांच के लिए पहुंचे अधिकारी

Joshimath land is sinking : चमोली जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बुधवार को जोशीमठ के उन हिस्सों का दौरा किया जहां मकानों में दरारें आ गई हैं और उन्होंने शहर के धीरे-धीरे डूबने की आशंका के मद्देनजर लोगों को मदद का आश्वासन दिया। भूवैज्ञानिकों, राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ), अग्निशमन सेवा और स्थानीय पुलिस की टीम के साथ चमोली के अपर जिलाधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक ने मारवाड़ी, मनोहर बाग और सिंहधार वार्ड में स्थित घरों और भूमि का वहां जाकर निरीक्षण किया। अधिकारियों ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। टीम ने स्थानीय लोगों से भी मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें


लेखक के बारे में

I am a content writer at IBC24 and I have learned a lot here so far and I am learning many more things too. More than 3 years have passed since I started working here. My experience here has been very good.