यदि अंबुमणि अपने पिता के साथ पुन: एकजुट होते हैं तो मैं राजनीति छोड़ने को तैयार हूं: पीएमके नेता मणि
यदि अंबुमणि अपने पिता के साथ पुन: एकजुट होते हैं तो मैं राजनीति छोड़ने को तैयार हूं: पीएमके नेता मणि
चेन्नई, 15 दिसंबर (भाषा) पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक डॉ. एस. रामदास के कट्टर समर्थक जी. के. मणि ने सोमवार को कहा कि यदि अंबुमणि रामदास अपने मतभेद भुलाकर अपने पिता के साथ फिर से एकजुट होने को तैयार हैं तो वह किसी प्रकार की बाधा नहीं बनेंगे और राजनीति छोड़ने के लिए तैयार रहेंगे।
सत्ता संघर्ष में रामदास का समर्थन करने पर अंबुमणि द्वारा ‘‘गद्दार’’ कहे जाने पर मणि ने कहा कि यदि अंबुमणि अपने पिता द्वारा पोषित मूल संगठन में वापस लौटते हैं, तो वह विधायक के तौर पर अपना पद छोड़ने के लिए भी तैयार हैं।
मणि ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हालांकि अंबुमणि पीएमके के अध्यक्ष नहीं हैं लेकिन वह खुद को अध्यक्ष बताते हैं, जिससे डॉक्टर अय्या (रामदास) को पीड़ा होती है। मैं, जिसे अंबुमणि उनके पिता का समर्थन करने के कारण गद्दार कहते हैं, राजनीति छोड़ने और यहां तक कि विधायक पद त्यागने को भी तैयार हूं, बशर्ते वह अपने पिता के साथ फिर से एकजुट होने को तैयार हों।’’
उन्होंने कहा कि उनका बेटा भी पार्टी का पद छोड़ देगा और तब तक वह उनके साथ घर पर ही रहेगा जब तक उनसे पीएमके में लौटने के लिए नहीं कहा जाता।
मणि ने कहा, ‘‘यदि हम पीएमके में नहीं हैं, तो हम घर पर ही रहेंगे।’’
अंबुमणि ने हाल में मणि पर उनके और उनके पिता के बीच दरार पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा था, ‘‘ऐसे गद्दारों को अलग-थलग किया जाना चाहिए।’’
अंबुमणि पर ‘‘अपने ही पिता और पार्टी नेता के खिलाफ बगावत करने’’ का आरोप लगाते हुए मणि ने कहा कि दोनों के बीच के मुद्दे तभी सुलझ सकते हैं, जब वे ‘‘बैठकर आपसी मतभेद दूर करें।’’
मणि ने कहा, ‘‘लेकिन रामदास के नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए आपका हृदय उदार होना चाहिए।’’ उन्होंने सवाल किया कि यदि किसी पिता को अपने ही बेटे से नाता तोड़ने के लिए कहा जाए तो क्या वह यह स्वीकार करेगा।
भाषा सिम्मी संतोष
संतोष

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