यतींद्र ने नेतृत्व पर जो कहा, वह समझ में नहीं आया : शिवकुमार

यतींद्र ने नेतृत्व पर जो कहा, वह समझ में नहीं आया : शिवकुमार

यतींद्र ने नेतृत्व पर जो कहा, वह समझ में नहीं आया : शिवकुमार
Modified Date: December 9, 2025 / 05:22 pm IST
Published Date: December 9, 2025 5:22 pm IST

बेलगावी (कर्नाटक), नौ दिसंबर (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि उनके और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के बीच कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने साथ ही कहा कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री के बेटे द्वारा की गई टिप्पणी उन्हें समझ में नहीं आयी।

सिद्धरमैया के बेटे एवं विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) यतींद्र सिद्धरमैया ने कहा था कि फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन का ‘‘कोई सवाल ही नहीं है’’ और उनका मानना ​​है कि सिद्धरमैया पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। इस टिप्पणी ने संभावित नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को फिर से हवा दे दी है। यह टिप्पणी सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच नाश्ते पर मुलाकात के एक दौर के बाद आयी है।

कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष शिवकुमार से जब इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘‘सब कुछ ठीक है। मेरे और मुख्यमंत्री के बीच कोई मतभेद नहीं है। यह कभी नहीं था, यह आज नहीं है और यह भविष्य में भी नहीं रहेगा। मुझे समझ नहीं आया कि उन्होंने (यतींद्र) क्या कहा है। मैं उनसे बात करूंगा।’’

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उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस आलाकमान के साथ हुई अपनी बातचीत का ब्योरा देने या इस बारे में बताने से इनकार कर दिया कि अगली बार बैठक के लिए कब बुलाया जाएगा।

जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस ने उनके समर्थन में बोलने वालों को नोटिस क्यों जारी किया, लेकिन यतींद्र को नहीं, तो शिवकुमार ने बस इतना कहा, ‘‘मैं उनसे बात करूंगा…।’’

यतींद्र की टिप्पणी के बाद, सिद्धरमैया ने सोमवार को दोहराया कि पार्टी आलाकमान जो भी फैसला लेगा, वह उसका पालन करेंगे।

यतींद्र ने मंगलवार को मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘कोई कुछ भी कहे, कहने दीजिये। मुझे जो कहना था, कह दिया है। मैं आगे कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता।’’

कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल के ढाई वर्ष 20 नवंबर को पूरे होने के बाद नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई थीं।

हाल ही में, पार्टी आलाकमान के निर्देश पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने एक-दूसरे के आवास पर नाश्ते पर बैठकें कीं। इस कदम को नेतृत्व को लेकर खींचतान को रोकने और सिद्धरमैया के फिलहाल मुख्यमंत्री बने रहने का संकेत देने के प्रयास के रूप में देखा गया, खासकर आठ दिसंबर से शुरू होने वाले बेलगावी विधानमंडल सत्र से पहले।

भाषा अमित दिलीप

दिलीप


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