मैंने कभी अकेला महसूस नहीं किया, भगवान हमेशा मेरे साथ: प्रधानमंत्री मोदी

मैंने कभी अकेला महसूस नहीं किया, भगवान हमेशा मेरे साथ: प्रधानमंत्री मोदी

मैंने कभी अकेला महसूस नहीं किया, भगवान हमेशा मेरे साथ: प्रधानमंत्री मोदी
Modified Date: March 16, 2025 / 10:53 pm IST
Published Date: March 16, 2025 10:53 pm IST

नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें कभी अकेलापन महसूस नहीं हुआ क्योंकि भगवान हमेशा उनके साथ रहते हैं।

मोदी ने रविवार को लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में अपने जीवन पर स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के प्रभावों को भी साझा किया।

उन्होंने रामकृष्ण परमहंस आश्रम में बिताए समय और स्वामी आत्मस्थानंद के साथ अपने संबंधों के किस्से भी साझा किए।

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मोदी ने अकेलेपन के बारे में पूछे जाने पर कहा, “मैं कभी अकेलापन महसूस नहीं करता। मैं ‘वन प्लस वन’ सिद्धांत में विश्वास करता हूं। एक मोदी है और दूसरा ईश्वर। मैं वास्तव में कभी अकेला नहीं होता क्योंकि भगवान हमेशा मेरे साथ रहते हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए “जन सेवा ही प्रभु सेवा है”।

मोदी ने कहा कि उन्हें ईश्वर और 140 करोड़ भारतीयों का समर्थन प्राप्त है।

अमेरिका के लोकप्रिय पॉडकास्टर और कंप्यूटर वैज्ञानिक लेक्स फ्रीडमैन ने पॉडकास्ट के दौरान गायत्री मंत्र का जाप किया और मोदी से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उनका उच्चारण सही हो।

प्रधानमंत्री ने इसके जवाब में खुद मंत्र का जाप किया और इसके गहन महत्व को साझा किया।

मोदी ने कहा, “गायत्री मंत्र सूर्य उपासना में गहराई से निहित है और इसमें गहरा आध्यात्मिक सार है। हर मंत्र सिर्फ शब्दों का समूह नहीं बल्कि इसका वैज्ञानिक संबंध है, जो जीवन और ब्रह्मांड के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्राचीन भारतीय परंपराएं आध्यात्मिकता और विज्ञान का सहज मिश्रण हैं, जो मानवता को कालातीत ज्ञान प्रदान करती हैं।

प्रधानमंत्री ने बताया कि बचपन में वह अक्सर गांव के पुस्तकालय जाते थे, जहां उन्होंने स्वामी विवेकानंद के बारे में पढ़ा, जिनकी शिक्षाओं ने उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डाला।

उन्होंने कहा, “विवेकानंद से मैंने सीखा कि सच्ची संतुष्टि व्यक्तिगत उपलब्धियों से नहीं बल्कि दूसरों की निस्वार्थ सेवा से मिलती है।”

मोदी ने रामकृष्ण परमहंस आश्रम में बिताए अपने समय को याद किया, जहां वे संतों के संपर्क में आए और उनसे अपार स्नेह मिला।

उन्होंने कहा, “स्वामी आत्मस्थानंद के साथ मेरा गहरा रिश्ता बन गया, जो मेरे जीवन में मार्गदर्शक शक्ति बन गए। स्वामी आत्मस्थानंद ने मुझे सलाह दी कि उनका असली उद्देश्य लोगों की सेवा करना और समाज के कल्याण के लिए काम करना है।”

मोदी ने महात्मा गांधी की ‘जन शक्ति’ की ताकत को पहचानकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम को ‘जन आंदोलन’ में बदलने की क्षमता पर प्रकाश डाला।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह हमेशा हर पहल में अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने का प्रयास करते हैं और इसे ‘जन भागीदारी’ के साथ एक जन आंदोलन में बदल देते हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज की सामूहिक शक्ति असीम है।

मोदी ने कहा, “महात्मा गांधी न केवल 20वीं सदी के बल्कि 21वीं सदी और आने वाली सदियों के भी महानतम नेता हैं।”

भाषा जितेंद्र प्रशांत

प्रशांत


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