आईआईटी खड़गपुर के अनुसंधानकर्ताओं ने उर्वरकों के कुशलतापूर्वक इस्तेमाल के लिए विकसित की प्रौद्योगिकी

आईआईटी खड़गपुर के अनुसंधानकर्ताओं ने उर्वरकों के कुशलतापूर्वक इस्तेमाल के लिए विकसित की प्रौद्योगिकी

आईआईटी खड़गपुर के अनुसंधानकर्ताओं ने उर्वरकों के कुशलतापूर्वक इस्तेमाल के लिए विकसित की प्रौद्योगिकी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:49 pm IST
Published Date: March 3, 2021 8:06 am IST

कोलकाता, तीन मार्च (भाषा) आईआईटी खड़गपुर के अनुसंधानकर्ताओं ने खेतों में उर्वरकों का कुशलता से इस्तेमाल करने के लिए एक मृदा-मानचित्रण प्रौद्योगिकी विकसित की है।

संस्थान की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया कि देश का खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम मुख्य रूप से मिट्टी की सेहत पर निर्भर करता है और इसका लक्ष्य पैदावार बढ़ाना और अकार्बनिक तत्वों के इस्तेमाल पर लगाम लगाना है।

बयान में कहा गया है कि जीपीएस सक्षम प्रौद्योगिकी किसानों को नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश (एनपीके) का कुशलता से इस्तेमाल करने में मदद करेगी, ताकि मिट्टी के पोषण का स्वत: प्रबंधन हो सके।

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आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर वी के तिवारी ने बताया कि इस प्रौद्योगिकी की मदद से पारंपरिक तरीके से उर्वरकों के इस्तेमाल की तुलना में 30 प्रतिशत की कमी आएगी।

संस्थान ने बुधवार को बताया कि तिवारी और कृषि एवं खाद्य अभियांत्रिकी विभाग की विशेषज्ञ स्नेहा झा ने ऐसे मृदा पोषण मानचित्र को बनाने का तरीका खोजा, जो एनपीके उर्वरकों के कुशलतापूर्वक इस्तेमाल में मददगार है।

प्रोफेसर ने कहा कि इस नवोन्मेष से संसाधनों के इस्तेमाल में बचत सुनिश्चित होगी।

भाषा

सिम्मी शोभना

शोभना


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